भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने पेश की कनाडा के PM पद की दावेदारी, मिलेगा पहला हिंदू प्रधानमंत्री?

भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने पेश की कनाडा के PM पद की दावेदारी, मिलेगा पहला हिंदू प्रधानमंत्री?
X

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा की राजनीति में गर्माहट तेज है। सवाल ये है कि आखिर कनाडा का अगला पीएम कौन होगा। इसी बीच कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पेश कर दी है। उन्होंने गुरुवार को घोषणा की कि वे कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल होंगे। एक वीडियो बयान में आर्य ने कहा कि यदि कनाडा की जनता उन्हें निर्वाचित करती है तो तो वे एक कुशल और छोटी सरकार का नेतृत्व करेंगे, जो देश के पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कनाडाई लोगों के लिए सबसे अच्छा काम किया है। हमें ऐसे साहसिक निर्णय लेने होंगे जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी होंगी।

चंद्र आर्य का चुनावी वादा

भारतीय मूल के चंद्र आर्य ने गुरुवार को घोषणा की है कि वह लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कनाडा को संप्रभु गणराज्य बनाने, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, नागरिकता-आधारित कर प्रणाली लागू करने और फलस्तीन राज्य को मान्यता देने का वादा किया।

बता दें कि कर्नाटक में जन्मे चंद्र आर्य कनाडा के ओटावा से सांसद हैं। उन्होंने अपनी घोषणा के बाद कहा कि कनाडा को अब अपने भाग्य का पूरा नियंत्रण लेना चाहिए और राजशाही की जगह राज्य प्रमुख के रूप में एक राष्ट्रपति होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक छोटी और अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं जिसमें कैबिनेट का चयन योग्यता के आधार पर किया जाए, न कि कोटा के आधार पर।

आर्य की घोषणाओं में कई नीति प्रस्ताव

कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य की घोषणाओं में कई सारी रोचक बातें शामिल है। उनकी घोषणाओं में कई नीति प्रस्ताव भी शामिल हैं, जिनमें 2040 तक सेवानिवृत्ति की आयु में दो साल की बढ़ोतरी और नागरिकता-आधारित कर प्रणाली की शुरुआत शामिल है। आर्य ने कहा कि उन्हें कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ने की प्रेरणा मिली है ताकि देश को पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही आर्य ने यह भी कहा कि कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े और कठिन निर्णय लेने से न डरें। वह हमेशा लिबरल पार्टी की नीतियों से सहमत नहीं रहे हैं और हाल ही में उन्होंने कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ एक याचिका का समर्थन किया था।

हिंदू समुदाय के लिए हमेशा आवाज मुखर

इसके अलावा, आर्य ने कनाडा में हिंदू समुदाय के लिए मुखर रूप से आवाज उठाई है और ओटावा और नई दिल्ली के बीच संबंधों के मुद्दे पर अपने विचारों को लेकर कई सांसदों से भिड़ चुके हैं। बता दें कि कनाडा-भारत संबंधों में भी तनाव के बीच, आर्य ने पिछले साल भारत यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। अब तक, केवल आर्य और पूर्व सांसद फ्रैंक बेलिस ही लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

क्या कनाडा को मिलेगा पहला हिंदू प्रधानमंत्री?

चंद्र आर्य की घोषणा के बाद सवाल ये खड़ा होने लगा है कि क्या कनाडा को 1867 के बाद पहला हिंदू प्रधानमंत्री मिलने वाला है? अब इस समय ये सवाल इस लिए खड़ा हो रहा है क्योंकि कनाडा के इतिहास में आज तक 23 प्रधानमंत्री बदल गए, लेकिन इनमें हिंदू, सिख या फिर मुस्लिम कभी भी कनाडा के पीएम की कुर्सी हासिल नहीं कर पाएं है।

Next Story