PM पद छोड़ेंगे ट्रूडो!: न हटे तो पार्टी क्या कर सकती है, कैसे-कौन बन सकता है कनाडा का अगला प्रधानमंत्री? जानें

PM पद छोड़ेंगे ट्रूडो!: न हटे तो पार्टी क्या कर सकती है, कैसे-कौन बन सकता है कनाडा का अगला प्रधानमंत्री? जानें
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बीते 10 वर्षों से कनाडा पर शासन कर रही उनकी लिबरल पार्टी देश में लगातार बढ़ती महंगाई और रहन-सहन के खर्चों के चलते अलोकप्रियता में घिर गई है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ट्रूडो इस हफ्ते ही प्रधानमंत्री पद छोड़ सकते हैं। गौरतलब है कि कनाडा में अगर ट्रूडो अपना शासन पूरा करते तो भी उन्हें साल के अंत में होने वाले आम चुनाव में उतरना पड़ेगा, जहां जनता उनके नेतृत्व और उनके दल का फैसला करेगी।

अभी यह तो साफ नहीं है कि ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया है या नहीं, लेकिन इसे लेकर अटकलें लग रही हैं कि अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं तो देश में आगे क्या होगा? अगर वे इस्तीफा नहीं देते तो लिबरल पार्टी के पास क्या विकल्प होंगे? क्या संसद में किसी प्रस्ताव से उन्हें हटाया जा सकता है? या ट्रूडो को पद से हटाने का कोई और तरीका भी है? इसके अलावा कनाडा में चुनाव से जुड़े सर्वे का क्या कहना है? आइये जानते हैं...

क्या होगा अगर जस्टिन ट्रूडो इस्तीफा दे दें?

अगर जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देते हैं तो लिबरल पार्टी या तो राष्ट्रपति से अपील कर देश में समय पूर्व आम चुनाव करा सकती है या ट्रूडो की जगह लेने के लिए एक अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकती है।

अगर लिबरल पार्टी दूसरा रास्ता अपनाती है तो उसे अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बाद एक नया पूर्णकालिक प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। हालांकि, यह काम इतना भी आसान नहीं होगा। दरअसल, कनाडा में राजनीतिक दलों के नेताओं को चुनने की प्रक्रिया ब्रिटेन-अमेरिका समेत बाकी लोकतांत्रिक देशों की तरह ही काफी जटिल है। ट्रूडो के इस्तीफा देने की स्थिति में लिबरल पार्टी अगले पूर्णकालिक पीएम को चुनने के लिए एक विशेष सम्मेलन का आयोजन करेगी, जिसमें अलग-अलग नेता पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।


इसके बाद इन दावेदारों में से लिबरल पार्टी के अगले मुखिया को चुनने के लिए पार्टी कार्यकर्ता ही वोटिंग में हिस्सा लेंगे। यह प्रक्रिया कितनी लंबी होगी, यह उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर तय होता है। मसलन जितने ज्यादा उम्मीदवार, उतनी लंबी चुनाव प्रक्रिया। मजेदार बात यह है कि कनाडा में इसी साल 20 अक्तूबर से पहले चुनाव कराए जाने हैं। ऐसे में अगर लिबरल पार्टी पूर्णकालिक प्रधानमंत्री चुनने में देरी करती है तो देश का नेतृत्व एक ऐसे अंतरिम प्रधानमंत्री के हाथ में रहेगा, जिसके चुनाव में सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मर्जी नहीं होगी। कनाडा में यह पहले कभी नहीं हुआ।

माना जा रहा है कि इस स्थिति से निपटने के लिए लिबरल पार्टी सम्मेलन की अवधि को छोटा कर सकती है। हालांकि, इससे पार्टी को प्रधानमंत्री पद के उन दावेदारों का विरोध झेलना पड़ सकता है, जिन्हें तैयारी के लिए और प्रभाव बनाने में कम समय मिलेगा। इससे पार्टी में अंदरूनी टूट और बगावत की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इस पूरी प्रक्रिया में गौर करने वाली बात यह है कि ट्रूडो के बाद जो भी कनाडा का अंतरिम प्रधानमंत्री होगा, वह परंपरा के तहत पार्टी के नेतृत्व पद के लिए चुनाव में खड़ा नहीं होगा।

अगर इस्तीफा न दें ट्रूडो, क्या लिबरल पार्टी उन्हें हटा सकती है?

हालांकि, इस बीच अगर जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते और लिबरल पार्टी का नेतृत्व अपने पास ही रखते हैं तो पार्टी उन्हें जबरन पद छोड़ने को मजबूर नहीं कर सकती। यह ब्रिटेन के प्रावधानों से बिल्कुल उलट है, जहां संसदीय दल अपने नेता को चुनने के साथ उन्हें जल्द ही हटाने की शक्ति भी रखता है। कनाडा में लिबरल पार्टी के नेता को विशेष सम्मेलन के जरिए चुना जाता है और ट्रूडो को भी इस प्रक्रिया से ही चुना गया है, इसलिए उन्हें औपचारिक प्रणाली से पार्टी के नेता के पद से नहीं हटाया जा सकता है।

क्या संसद के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए जा सकते हैं ट्रूडो?

कनाडा में संसद के जरिए प्रधानमंत्री को हटाया जा सकता है। हालांकि, यह कनाडाई संसद के निचले सदन- हाउज ऑफ कॉमन्स में अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने या सरकार के विश्वास प्रस्ताव न जीत पाने के बाद ही हो सकता है। इस स्थिति में सिर्फ प्रधानमंत्री को ही पद नहीं छोड़ना पड़ेगा, बल्कि लिबरल पार्टी की पूरी सरकार गिर जाएगी। यानी यह प्रक्रिया मौजूदा समय में ट्रूडो के पद छोड़ने की प्रक्रिया से बिल्कुल ही अलग होगी।

आमतौर पर बजट और खर्चों पर पेश हुए प्रस्तावों को हाउज ऑफ कॉमन्स में पारित न करा पाना सरकार की नाकामी मानी जाती है। इसे सरकार पर विश्वास की कमी माना जाता है और अगर ऐसा होता है तो सत्तासीन पार्टी की सरकार गिर जाती है। ऐसी स्थिति में देश में चुनावी अभियान तुरंत ही शुरू हो जाता है।

फिलहाल कनाडा का हाउज ऑफ कॉमन्स सर्दियों की छुट्टियों पर है। इसका सत्र 27 जनवरी से पहले नहीं बुलाया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले सत्र की शुरुआत तक अगर ट्रूडो प्रधानमंत्री पद नहीं छोड़ते तो वे खर्चों पर लोकलुभावन प्रस्ताव पेश कर अपनी सरकार बचा सकते हैं। हालांकि, इस दौरान विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का मौका रहेगा।

क्या किसी और तरीके से ट्रूडो को निकाला जा सकता है?

कनाडा में किसी सरकार को हटाने का या संसद को भंग करने की संवैधानिक ताकत गवर्नर जनरल के पास होती है। फिलहाल इस पद पर मैरी साइमन्स काबिज हैं। माना जाता है कि यह पद इंग्लैंड के महाराज किंग चार्ल्स की निजी प्रतिनिधि का होता है और औपचारिक तौर पर इसी पद पर बैठने वाले व्यक्ति को कनाडा का प्रमुख माना जाता है।

गवर्नर जनरल के पास वैसे तो तो प्रधानमंत्री को हटाने की शक्तियां हैं, लेकिन वे सिर्फ औपचारिक राष्ट्र प्रमुख होने की वजह से असल में एक चुने हुए नेता को हटाने का अधिकार नहीं रखते। खासकर तब तक जब तक ट्रूडो को उनकी पार्टी और वोटरों का समर्थन हासिल है।

अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए और क्या तरीके आजमा सकते हैं ट्रूडो?

जस्टिन ट्रूडो संसद सत्र को टाल सकते हैं। इससे उन्हें अपने पद को बचाने और आगे की रणनीति तैयार करने का समय मिल जाएगा। इसके तहत हाउज ऑफ कॉमन्स में कुछ हफ्तों के लिए बैठक नहीं हो पाएगी और ट्रूडो को अपनी सरकार की नीतियों को लागू करने में कुछ और समय मिल जाएगा और इससे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को टालने में भी मदद मिलेगी। हालांकि, इससे लिबरल पार्टी में उनके आलोचकों में गुस्सा बढ़ सकता है।

ट्रूडो इस्तीफा दें तो लिबरल पार्टी में कौन हो सकता है पीएम पद का दावेदार?

अब तक इसे लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि अगर जस्टिन ट्रूडो इस्तीफा दे देते हैं तो उनकी जगह अंतरिम और पूर्णकालिक प्रदानमंत्री कौन बनाया जा सकता है। हालांकि, पार्टी में ट्रूडो के बाद कुछ नेताओं का वर्चस्व है। यह नेता हैं...

1. क्रिस्टिया फ्रीलैंड

कनाडा की पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री रहीं क्रिस्टिया फ्रीलैंड को लंबे समय तक जस्टिन ट्रूडो के समर्थक के तौर पर देखा गया है। हालांकि, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार के आने के बाद वित्तीय मामलों और कई योजनाओं को लेकर उनकी जस्टिस ट्रूडो से अनबन की खबरें सामने आईं। इसी के चलते उन्होंने अपने पद छोड़ दिए। माना जा रहा है कि ट्रूडो के इस्तीफा देने की स्थिति में लिबरल पार्टी उन्हें पीएम पद के लिए आगे कर सकती है। भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या ने भी फ्रीलैंड को ट्रूडो का उत्तराधिकारी करार दिया है।

2. डॉमिनिक लीब्लांक

लिबरल सरकार में ही कैबिनेट मंत्री डॉमिनिक लीब्लांक उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जो कि मुश्किलों के बावजूद डटकर उनके साथ खड़े हैं। ऐसे में ट्रूडो के समर्थन में खड़े लिबरल पार्टी के नेता अगले प्रधानमंत्री के लिए लीब्लांक का समर्थन कर सकते हैं। एक वकील और नेता लीब्लांक फिलहाल मौजूदा सरकार में वित्त और अंतरविभागीय मंत्रालय की कमान संभाल रहे हैं। फ्रीलैंड के इस्तीफा देने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। उन्हें पिछले एक दशक में ट्रूडो सरकार में कई मंत्रीपद सौंपे जा चुके हैं।

3. मार्क कार्नी

कनाडा के पीएम पद के लिए नेताओं से इतर एक नाम ऐसा भी है, जिसका राजनीति से अब तक नाता नहीं रहा है। यह नाम है मार्क कार्नी का, जो कि पहले बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके हैं। मार्क कार्नी ने बीते दिनों में राजनीति में आने की इच्छा जताई है और इसके लिए वह लिबरल पार्टी के नेताओं के संपर्क में भी हैं। ट्रूडो के पीएम पद छोड़ने पर लिबरल नेता उनका नाम आगे बढ़ा सकते हैं।

4. क्रिस्टी क्लार्क

राष्ट्रीय स्तर पर लिबरल पार्टी की नेता और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की पूर्व प्रीमियर (मुख्यमंत्री के बराबर का पद) क्रिस्टी क्लार्क का नाम भी पीएम पद के उम्मीदवारों में शामिल है। वे 2011 से 2017 तक ब्रिटिश कोलंबिया की प्रीमियर रहीं। 58 वर्षीय क्लार्क प्रांतीय स्तर पर बीसी यूनाइटेड पार्टी का नेतृत्व भी करती हैं।

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