नेपाल में फिर भड़का Gen Z आंदोलन, पुलिस ने भांजी लाठियां, दागे आंसू गैस के गोले, कई शहरों में कर्फ्यू

ए आई द्वारा निर्मित
नेपाल की सड़कों ने एक बार फिर से नई पीढ़ी के युवाओं ने हंगामा काट दिया. मधेश प्रदेश के बारा जिले में बुधवार को उस समय तनाव फैल गया जब Gen Z कार्यकर्ताओं और CPN-UML समर्थकों के बीच भिड़ंत हो गई. जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो प्रशासन ने सिमरा और आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया. दरअसल UML नेता शंकर पोखरेल और महेश बस्नेत यहां पार्टी के यूथ अवेकनिंग कैंपेन में शामिल होने वाले थे. इसी बात के विरोध में Gen Z युवा पहले से सोशल मीडिया पर अपील कर रहा था.
सुबह-सुबह लगभग 10 बजे सिमरा चौक पर 100–150 युवा एकत्र हुए और UML नेताओं के आगमन के खिलाफ विरोध शुरू किया. इसी बवाल के दौरान UML समर्थक एयरपोर्ट की ओर जा रहे थे और दोनों समूह आमने-सामने आ गए. देखते ही देखते इस नोकझोंक ने हिंसक रूप ले लिया और हंगामा बढ़ गया. Gen Z कार्यकर्ताओं का आरोप है कि UML समर्थकों ने उन पर हमला किया, जिससे कई युवक घायल हुए और उन्हें सिमरा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
पुलिस को संभालना पड़ा मोर्चा
जमीन पर हालात तब और बिगड़ गए, जब कुछ युवक एयरपोर्ट की ओर बढ़े और वहां के गेट को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने हालात को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. हालात बिगड़ने पर एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का संचालन भी रोक दिया गया और काठमांडू से आने वाले UML के केंद्रीय नेता ने अपना कार्यक्रम भी टाल दिया. प्रशासन इस दौरान काफी मुस्तैद रहा. उसने दिनभर हालात पर नजर रखी और दोपहर 12 बजकर 30 बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया. जिसमें त्रिभुवन हाईवे के दोनों ओर 500 मीटर और एयरपोर्ट क्षेत्र शामिल था.
हालांकि कर्फ्यू के बावजूद कई Gen Z युवा दोबारा सड़कों पर उतरे, टायर जलाए और पुलिस पर UML का पक्ष लेने का आरोप लगाया. उन्होंने सात UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. UML का कहना है कि विरोध प्रदर्शन जानबूझकर कार्यक्रम को बिगाड़ने के लिए किया गया, जबकि Gen Z समूह शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा कर रहा है. इस तनाव के बीच भी UML ने परवानीपुर में अपना कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें पार्टी के अनुसार करीब 3000 लोग शामिल हुए.
