इंडोनेशिया में हिंसक प्रदर्शन: मकास्सर में संसद भवन में आग, तीन की मौत, कई घायल

मकास्सर, : इंडोनेशिया में बढ़ते जनाक्रोश ने हिंसक रूप ले लिया है, जहां दक्षिण सुलावेसी प्रांत की राजधानी मकास्सर में गुस्साई भीड़ ने स्थानीय संसद भवन में आग लगा दी। इस घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हिंसा शुक्रवार देर रात शुरू हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने मकास्सर शहर की प्रांतीय परिषद इमारत को निशाना बनाया। टेलीविजन फुटेज में रात भर जलती हुई इमारत दिखाई दी, जिसने पूरे क्षेत्र को नारंगी रोशनी से भर दिया। स्थानीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के कार्यवाहक प्रमुख एम. फदली ताहर ने बताया कि शनिवार सुबह तक बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद किए, जबकि पांच लोग जलने या इमारत से कूदने के कारण टूटी हड्डियों के साथ अस्पताल में भर्ती हैं।
हिंसा की शुरुआत: पुलिस वाहन से डिलीवरी ड्राइवर की मौत
इंडोनेशिया में यह हिंसा उस समय भड़की जब गुरुवार रात जकार्ता में एक पुलिस बख्तरबंद वाहन ने 21 वर्षीय मोटरसाइकिल डिलीवरी ड्राइवर अफान कुर्नियावान को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। यह घटना संसद भवन के पास उस समय हुई जब प्रदर्शनकारी सांसदों को मिलने वाली भारी-भरकम भत्तों, कम मजदूरी, और बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया कि पुलिस की मोबाइल ब्रिगेड (ब्रिमोब) की गाड़ी ने कुर्नियावान को टक्कर मारी, जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया।
देशव्यापी प्रदर्शन और हिंसा
प्रदर्शन जकार्ता से शुरू होकर देश के अन्य प्रमुख शहरों जैसे बांडुंग, सुरबाया, योग्याकार्ता, मेदान, सेमारांग, मलंग, और मानोकवारी तक फैल गए। पश्चिम जावा के बांडुंग शहर में प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को एक क्षेत्रीय संसद भवन में आग लगा दी, हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। दूसरी ओर, इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बड़े शहर सुरबाया में प्रदर्शनकारियों ने बाड़ तोड़ दी और वाहनों में आग लगाने के बाद क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय पर धावा बोल दिया। पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, लेकिन प्रदर्शनकारी आतिशबाजी और लकड़ी के डंडों से जवाबी कार्रवाई करते रहे।
जकार्ता में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मोबाइल ब्रिगेड के मुख्यालय पर हमला किया, जहां उन्होंने इमारत के साइनबोर्ड को उखाड़ दिया और गेट तोड़ने की कोशिश की। स्थानीय मीडिया के अनुसार, जकार्ता में लूटपाट और परिवहन सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं भी सामने आईं। इसके चलते शहर की मास रैपिड ट्रांजिट रेलवे और ट्रांसजकार्ता बस सेवा को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था, ने हिंसा को "अराजक कृत्यों" की संज्ञा देते हुए शांति की अपील की है। उन्होंने कुर्नियावान की मौत की "पारदर्शी और पूरी तरह से" जांच के आदेश दिए और शुक्रवार को उनके परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। प्रबोवो ने अपनी नियोजित चीन यात्रा रद्द कर दी ताकि वह घरेलू स्थिति पर नजर रख सकें।
पुलिस ने सात अधिकारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है, जिन्हें कुर्नियावान की मौत से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख लिस्टयो सिगित प्रबोवो ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "कठोर कार्रवाई" की जाएगी, जो कानून तोड़ रहे हैं। हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडोनेशिया के कार्यकारी निदेशक उस्मान हामिद ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि "किसी को भी अपने प्रदर्शन के अधिकार का प्रयोग करने के लिए अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए।"
प्रदर्शनकारी क्या मांग रहे हैं?
प्रदर्शनकारी सांसदों को मिलने वाले 50 मिलियन रुपये ($3,000) के मासिक आवास भत्ते को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जो जकार्ता के न्यूनतम वेतन से लगभग 10 गुना और देश के गरीब क्षेत्रों के न्यूनतम वेतन से 20 गुना है। इसके अलावा, वे न्यूनतम वेतन को मुद्रास्फीति के अनुसार बढ़ाने, करों में कमी, और पुलिस सुधारों की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सांसदों और पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप आम हैं, जिससे जनता का गुस्सा और बढ़ गया है।
मकास्सर में दुखद नुकसान
मकास्सर में आगजनी की घटना में मारे गए तीन लोगों में दो परिषद कर्मचारी और एक सिविल सेवक शामिल थे। मकास्सर सिटी काउंसिल के सचिव रहमत मप्पातोबा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इमारत पर धावा बोलकर आग लगा दी, जिसके कारण ये लोग इमारत में फंस गए। चार अन्य घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थानीय समाचार वेबसाइट इनिलाह.कॉम के अनुसार, मृतकों में उजुंग तनाह जिले के सार्वजनिक कल्याण विभाग के प्रमुख और एक सार्वजनिक व्यवस्था एजेंसी के सदस्य शामिल हैं।
