बदनोर में मेवाड़ प्रवर्तक अम्बालाल म.सा. की पुण्यतिथि का आयोजन
आसींद श्रमण संघीय जैन दिवाकरिया महासाध्वी डॉ श्री संयमलता म. सा.,डॉ अमितप्रज्ञाजी म. सा.,डॉ कमलप्रज्ञा म. सा., सौरभप्रज्ञा म.सा. आदि ठाना के सान्निध्य में मेवाड़ प्रवर्तक अंबालाल म.सा.की 31 वी पुण्यतिथि पर बदनोर में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ संयमलता ने कहा कि गुरुदेव का संपूर्ण जीवन श्रमण संघ की एकता के लिए वरदान रहा। वे एक वट वृक्ष के समान थे जिसकी छाया तले लाखों दुखी प्राणियों को शांति मिलती थी। अम्बालाल म. सा.श्रमण संघ के एक प्रभावी, ओजस्वी, तेजस्वी, मनस्वी साधक थे जिनका जीवन एक विद्वता, अदम्य साहस, उत्तम कर्तव्यनिष्ठा, अद्वितीय त्याग, निस्सिम कर्मठता, स्नेह, मनभावन मूरत और संगठन के निर्मल भावना को देखकर प्रत्येक व्यक्ति मंत्रमुग्ध हुआ करता था।
साध्वी ने आगे कहा कि गुरु के दर पर कोई मनमानी नहीं होती यह बात भी पक्की है कोई परेशानी नहीं होती। मैं शब्द तुम अर्थ तुम बिन सब व्यर्थ है। रिश्ता गहरा हो ना हो भरोसा गहरा होना चाहिए।
साध्वी कमलप्रज्ञा ने कहा कि जो दूसरों को खिलाता है वह कभी भूखा नहीं रहता, जो दूसरों को सताता है वह कभी सुखी नहीं रहता। जो दूसरों को खिलाता है वह हमेशा खिलखिलाता है और जो दूसरों को सताता है वह सदैव आंसू बहाता है। उदयपुर से पधारे नरेंद्र चंडालिया ने अपने भाव व्यक्त किए। बदनोर संघ ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।