कार में कई तरह की परेशानी आने लगती हैं। ऐसी ही एक परेशानी कार के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के साथ भी आती है। फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में खराबी आने के बाद किस तरह के संकेत मिलते हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
इंजन वाली कारों में बड़ी संख्या में अलग अलग तरह के पार्ट्स का उपयोग किया जाता है। इनमें से एक पार्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम भी होता है। कार के इंजन को ईंधन पहुंचाने के लिए फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम काफी जरूरी हिस्सा होता है। यह एक छोटे नोजल के जरिए इंजन में ईंधन पहुंचाता है, जिससे गाड़ी को चलाया जाता है। इसमें खराबी आने से पहले यह कुछ संकेत देता है।
स्टार्ट होने में परेशानी
अगर किसी कार को स्टार्ट करने में सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है। इसके अलावा अगर कार बार बार सेल्फ लगाने पर भी आसानी से स्टार्ट नहीं हो रही है, तो यह कई संकेतों में से एक संकेत हो सकता है जिससे यह समझ आता है कि कार के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में कोई खराबी आ गई है। इसके अलावा स्पार्क प्लग और बैटरी के साथ ही फ्यूल इंजेक्टर्स को भी चेक करवाना चाहिए।
स्पीड बढ़ाने में मुश्किल
अगर कोशिश करने के बाद आप अपनी कार को स्टार्ट कर लेते हैं, लेकिन जब भी आप स्पीड को बढ़ाते हैं, तो इसमें भी समय लगता है। अगर ऐसे संकेत आपकी गाड़ी दे रही है तो भी फ्यूल इंजेक्टर्स को चेक करवाना बेहतर रहता है।
साइलेंसर से गंध आना
कार चलाते हुए अगर साइलेंसर से सामान्य से ज्यादा धुआं बाहर निकलने लगता है और कार के केबिन में ईंधन की गंध आने लगती है तो भी फ्यूल इंजेक्टर्स में खराबी हो सकती है।
माइलेज होगा कम
कार को चलाने के लिए निश्चित मात्रा में पेट्रोल की जरूरत होती है। अगर फ्यूल इंजेक्टर खराब हो जाए तो उचित मात्रा में पेट्रोल या डीजल इंजन तक नहीं जा पाता। या कई बार जरूरत से ज्यादा ईंधन की खपत भी होने लगती है। तब भी फ्यूल इंजेक्टर में खराबी आने का खतरा बढ़ जाता है।
फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम खराब होने के कारण:
• खराब गुणवत्ता और दूषित ईंधन:
• गंदगी और कार्बन जमाव: समय के साथ, ईंधन इंजेक्टरों में गंदगी, कार्बन और मलबा जमा हो जाता है, जिससे ईंधन का प्रवाह बाधित होता है.
• ईंधन में अशुद्धियाँ: डीजल या पेट्रोल में मौजूद अशुद्धियाँ, जैसे धूल के कण, जंग, या पानी, इंजेक्टरों में जमा होकर उन्हें अवरुद्ध कर सकती हैं और उनके प्रदर्शन को ख़राब कर सकती हैं.
• उच्च इथेनॉल सामग्री: इथेनॉल की अधिक मात्रा वाले ईंधन से भी जमाव हो सकता है जो इंजेक्टर के प्रदर्शन को प्रभावित करता है. [3]
• घटक खराबी और रिसाव:
• इंजेक्टर की सील का खराब होना: इंजेक्टरों में लगी रबर सील सूख कर फट सकती है, जिससे ईंधन का रिसाव हो सकता है. [4]
• सोलेनॉइड की विफलता: इंजेक्टर के सोलेनॉइड में शॉर्ट सर्किट या खराबी आ सकती है, जिससे इंजेक्टर विफल हो सकता है. [5]
• फ्यूल इंजेक्टर में दरार: फ्यूल इंजेक्टर में दरार या क्षति होने पर भी ईंधन का सही मिश्रण नहीं बन पाता, जिससे इंजन का प्रदर्शन प्रभावित होता है.
• अन्य कारण:
• इंजन ब्लो-बाय: अगर इंजन से निकलने वाला तेल और ईंधन का अवशेष (ब्लो-बाय) एयर फिल्टर या पीसीवी सिस्टम को ब्लॉक कर दे, तो यह ईंधन इंजेक्टरों तक पहुँचकर उन्हें अवरुद्ध कर सकता है. [5]
• लंबे समय तक कम दूरी की यात्राएँ: इंजन के कम तापमान पर चलने के कारण ओलेफिन नामक अवशेष जमा हो सकते हैं जो इंजेक्टर नोजल में जम जाते हैं.
