सेकेंड हैंड कार बाजार बना सुरक्षा के लिए टाइम-बम!: फर्जी कागजात, ढीली मॉनिटरिंग और अवैध डीलर बढ़ा रहे खतरा
सेकेंड हैंड कारों का अनियंत्रित बाजार अब सार्वजनिक सुरक्षा का बड़ा खतरा बन चुका है। दिल्ली में लाल किला विस्फोट मामले ने साबित कर दिया कि ढीले नियम, फर्जी कागजात और बिना जांच-बेच वाली गाड़ियों का नेटवर्क कैसे किसी भी बड़े अपराध को अंजाम देने में मददगार बन रहा है।
जांच में सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल की गई आई-20 कार न सिर्फ कई बार खरीदी-बेची गई, बल्कि मुख्य आरोपित डॉ. उमर ने कार का उपयोग बिना अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन कराए ही किया। यह पैटर्न पहली बार नहीं—अतीत में भी कई आतंकी वारदातों में ऐसी ही गाड़ियां इस्तेमाल हो चुकी हैं। भीलवाड़ा के साथ ही राजस्थान में भी इसी तरह सेकंड हैंड कारों की बिक्री से इनकार नहीं किया जा सकता हे , तस्करी ओर चोरी के लिए ऐसी ही कारों का उपयोग किया जाता हे .
भीलवाड़ा में सेकंड कार बाजार फुटपाथी बाजार बनकर रह गया हे , 2 या 4 कारो का जुगाड कर सड़क किनारे कार बाजार का बैनर लगा कर दुकानदारी शुरू । न कोई पूछने वाला न कोई जांच करने वाला । खास बात ये हे कि डीटीओ कार्यालय के रास्ते पर ही ऐसी कई दुकानें चल रही हे मगर ...।
सिस्टम का सच: न पुलिस की पकड़, न परिवहन विभाग का नियंत्रण
दिल्ली के परिवहन विभाग का कहना है कि सेकेंड हैंड कार मार्केट पर उनका कोई सीधा नियंत्रण नहीं है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताती है।
नतीजा—खुला खेल, खुला खतरा।
ईओएलवी (एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल) नियमों के अभाव में पुरानी गाड़ियों की कीमतों में 40–50% तक गिरावट की आशंका है। अकेले इस साल 47,585 से अधिक पुरानी कारें बेची जा चुकी हैं, जिनमें जनवरी से जून तक भारी तेजी दर्ज की गई।
फर्जी कागजात का गोरखधंधा: चोरी की कार, नया नंबर, नई पहचान
पुराने वाहन बाजार की आड़ में क्लोनिंग टूल्स से चेसिस और इंजन नंबर बदलने, फर्जी आरसी, फर्जी बीमा और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने का धंधा खूब फल-फूल रहा है।
दिल्ली पुलिस साइबर सेल की हालिया कार्रवाई में फर्जी हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ इस खतरे को और स्पष्ट करता है।
व्यवस्था की बड़ी कमियां
आरसी ट्रांसफर में दो से छह महीने की देरी; एनओसी प्रक्रिया बेहद जटिल
चालान का 60% तक अनुपालन नहीं
एएनपीआर कैमरों में लगातार तकनीकी खराबी
सितंबर तक मात्र 150 वाहन ही स्क्रैप—लाखों गायब
अनौपचारिक डीलर खरीदार का कोई वेरिफिकेशन नहीं करते
हरियाणा–यूपी से पुरानी गाड़ियां बिना जांच दिल्ली में दाखिल
62 लाख से ज्यादा EOLV वाहन अनट्रेस्ड
दिल्ली में 3500 से अधिक अवैध सेकेंड हैंड डीलर सक्रिय
क्या होना चाहिए? विशेषज्ञों के सुझाव
पुराने वाहनों की बिक्री पर अश्वार-वेरीफिकेशन, स्व-प्रमाणन और वाहन इंटीग्रेशन अनिवार्य
सेकेंड हैंड कार डीलरों का रजिस्ट्रेशन व लाइसेंसिंग तय समय पर ऑडिट के साथ
पुलिस–आरटीओ–डीलर्स के बीच ऐप आधारित रियल-टाइम लिंक
आरसी ट्रांसफर को 100% ऑनलाइन और अनिवार्य किया जाए
बैंक हाइपोथेकेशन का इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण
पुलिस और डीलरों के बीच समन्वय व प्रशिक्षण आवश्यक
