सौरभ ने सरेंडर नहीं किया, केवल अर्जी लगाई
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कार से 52 किलो सोना और करोड़ों रुपए नकदी के मामले में मोस्ट वांटेड पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर सस्पेंस बरकरार है। सोमवार को दोपहर में सौरभ शर्मा के वकील की तरफ से सरेंडर की सूचना आई। इसके बाद पुलिस और मीडिया कोर्ट परिसर में पहुंच गई। सूचना मिलते ही इस पूरे मामले की जांच कर रहे डीएसपी वीरेंद्र सिंह भी कोर्ट पहुंच गए। हालांकि शाम चार बजे तक सौरभ ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया था। बताया जा रहा है कि वो भोपाल में ही है और कभी भी जिला कोर्ट में सरेंडर कर सकता है।
दरअसल, सोमवार को दोपहर 2 बजे मीडिया में खबरें आना शुरू हो गई थी कि सौरभ शर्मा ने भोपाल की जिला अदालत में सरेंडर कर दिया है। इसके बाद भोपाल जिला कोर्ट में गहमा-गहमी शुरू हो गई। खबरें आ रही थीं कि सौरभ ने अपनी जान का खतरा बताकर सुरक्षा मांगी थी और कोर्ट में सरेंडर का आवेदन किया। सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने मीडिया को बताया कि सोमवार को भोपाल जिला कोर्ट में सौरभ को दोपहर एक बजे सरेंडर करवाया है। हालांकि लोकायुक्त के डीजी भी इससे इनकार करते रहे।
सरेंडर नहीं किया, केवल अर्जी लगाई
शरद जायसवाल के वकील सूर्यकांत से बात की तो इनका कहना था कि सौरभ शर्मा ने सरेंडर के लिए लोकायुक्त के समक्ष अपने वकील राकेश पाराशर के माध्यम से सोमवार को सरेंडर की अर्जी लगाई है। अभी सरेंडर नहीं किया है। लेकिन वह जल्द ही सरेंडर कर सकता है।
17 दिसंबर को पड़ा था छापा
बता दें कि 17 दिसंबर को सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा गया था। सौरभ के पास करोड़ों की संपत्ति मिली थी। इसके साथ ही इसके दोस्त चेतन सिंह गौर की गाड़ी से 52 किलो सोना भी बरामद किया गया था। सौरभ शर्मा आरटीओ में कांस्टेबल था, बाद में उसने वीआरएस ले लिया था। अपने पिता के निधन के बाद सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। सौरभ की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े हुए थे। क्योंकि सौरभ के भाई सरकारी नौकरी में पहले से ही थे।