GBS कोरोना की तरह हो रहा खतरनाक: महाराष्ट्र में दो और मरीजों की मौत; तेलंगाना में मिला पहला जीबीएस मरीज

Update: 2025-02-01 00:39 GMT

पुणे। गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से महाराष्ट्र में दो और मरीजों की मौत हो गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या चार हो गई है। राज्य में जीबीएस मरीजों की कुल संख्या 140 हो गई है। इनमें से 98 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है।

बंगाल और राजस्थान में भी जीबीएस के मामले मिले

इस बीच तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में एक महिला के जीबीएस से संक्रमित होने का पता चला है। उसे हैदराबाद के केआइएमएस अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। यह तेलंगाना में पहला ज्ञात मामला है। इससे पहले बंगाल और राजस्थान में भी जीबीएस के मामले मिले थे।

इसके साथ ही अब तक देश के चार राज्यों में यह बीमारी फैल चुकी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में जिस 36 वर्षीय मरीज की जीबीएस से मौत हुई है वह एक कैब सेवा कंपनी ओला उबर में ड्राइवर के रूप में काम करता था। उसे 21 जनवरी को पिंपरी चिंचवाड़ के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मरीज का 22 जनवरी को परीक्षण किए जाने पर जीबीएस का पता चला था। मरीज की 30 जनवरी को मृत्यु हो गई, वहीं सिंहगढ़ रोड के पास धायरी इलाके में जीबीएस के एक और 60 वर्षीय मरीज की शुक्रवार को मौत हो गई। उसे 27 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो मरीजों की पहले मौत हुई थी।

सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजे गए पानी के नमूने

पुणे शहर के विभिन्न हिस्सों से कुल 160 पानी के नमूने रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। आठ जल स्त्रोतों के नमूने दूषित पाए गए। अधिकारी ने कहा कि सिंहगढ़ रोड इलाके में स्थित कुछ निजी बोरवेलों से प्राप्त नमूनों में से एक में एस्चेरिचिया कोलाई बैक्टीरिया पाया गया था। पानी में एस्चेरिचिया कोलाई से जीबीएस संक्रमण हो सकता है।

जीबीएस न्यूरोलाजिकल आटोइम्यून बीमारी है

जीबीएस न्यूरोलाजिकल आटोइम्यून बीमारी है। जीबीएस मरीजों में प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ नसों पर हमला करती है, जिससे नसें कमजोरी हो जाती है। इससे अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। इसके लक्षणों में अंगों में गंभीर कमजोरी, दस्त आदि शामिल हैं। यह बीमारी आम तौर पर बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के कारण होती है।

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