महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद सीएम योगी ने किए तीन बड़े एलान: मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा

Update: 2025-01-29 16:30 GMT

  

 लखनऊ। महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान पर्व से पूर्व मंगलवार देर रात भगदड़ की घटना ने सुरक्षा-प्रबंधों को लेकर बड़े सवाल भी खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय किया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है, जिसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आईएएस अधिकारी बीके सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।

आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। घटना की पुलिस जांच भी होगी। योगी ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है।

घटना एक सबक: सीएम योगी

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योगी ने कहा कि घटना एक सबक भी है। कई बार समीक्षा व स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरते जाने के बाद भी ऐसे हादसे होते हैं और हुए हैं, सरकार ने इसकी तह तक जाने का निर्णय किया है। इसके दृष्टिगत ही न्यायिक जांच आयोग गठित किया गया है।

कहा, आने वाले स्नान पर्वों पर और कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज जाएंगे। साथ ही घटना के कारणों की पड़ताल करेंगे।

योगी ने बुधवार सुबह चार बजे ही मुख्य सचिव, डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरा दिन बैठकें चलती रहीं। मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम, मुख्य सचिव कंट्रोल रूम व डीजीपी मुख्यालय कंट्रोल रूम के माध्यम से मानीटिंग भी की जाती रही है। एक-एक घटना को लेकर प्रशासन, संतों व विभिन्न अखाड़ों से संवाद बनाए रखा गया।

लिस जांच भी कराई जाएगी

योगी ने कहा कि घटना की पुलिस जांच भी कराई जाएगी। आखिर हादसा किन कारणों से हुआ, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने को लेकर तैयारी पहले से की गई थी।

कहा कि बुधवार को कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर मुस्तैद रहे। दूसरी ओर प्रयागराज से अयोध्या-काशी जाने वाले मार्गों पर यातायात प्रबंधन की बड़ी चुनौती को देखते हुए भी वरिष्ठ अधिकारियों को खुद मॉनिटरिंग करने का कहा गया है।

न्यायिक आयोग इन बिंदुओं पर करेगा जांच

न्यायिक आयोग भगदड़ के कारणों के साथ ही उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा, जो हादसे का कारण बनीं। भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके सुझाव भी देगा। राज्य सरकार को न्यायिक आयोग की जांच अवधि में परिवर्तन करने का अधिकार होगा।

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