गहलोत के राज में बने जिलों पर लटकी तलवार: शाहपुरा सहित अनेक छोटे जिले खत्म करेगी भजनलाल सरकार,• भुगतान और काम पुराने जिले के कलेक्टर्स करेंगे

Update: 2024-08-09 14:31 GMT


  • ¸,अगले बजट से पहले गहलोत राज के जिलों पर होगा फैसला

जयपुर :अशोक   गहलोत के राज में बने जिलों पर  तलवार  लटकटी नजर आ रही हे भजनलाल सरकार ने एक आदेश के जरिए साफ संकेत दे दिए हैं कि गहलोत सरकार में बने सभी नए जिले बरकरार नहीं रहेंगे। इनमें  शाहपुरा सहित   कई छोटे जिलों को उनके मूल जिलों में ही मर्ज किया जा सकता है। दरअसल, गहलोत सरकार में बने नए 17 जिलों में राजस्व से संबंधित सभी काम पुराने मूल 17 जिलों में तैनात कलेक्टर ही करेंगे। भजनलाल सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए मूल जिलों में लगे कलेक्टर्स के पावर को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है।

5 अगस्त 2023 को तत्कालीन गहलोत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके 17 नए जिलों का गठन किया था। उस समय नए जिलों में विभिन्न विभागीय सोसायटियों से संबंधित राजस्व कलेक्शन, वर्क सेंशन और काम के बदले भुगतान के अधिकार मूल जिला कलेक्टर को ही दिए थे। ये अधिकार 31 मार्च 2024 तक ही दिए गए थे, लेकिन भजनलाल सरकार ने अब इन अधिकारों को एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक करने का निर्णय किया है। वित्त विभाग से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि कौन से नए जिले, पुराने जिले में मर्ज होंगे, यह अभी साफ नहीं है।

नए जिलों में जो रेवेन्यू कलेक्शन होगा। उसका रिकॉर्ड अलग से रखा जाएगा। ये व्यवस्था 1 सितम्बर 2023 से ही बनाई थी, जिसे आगे भी बकरार रखा जाएगा


अब फरवरी में सरकार का अगला बजट आएगा। इस बजट सत्र से पहले सरकार गहलोत राज में बने नए जिलों में से कुछ को खत्म करके मर्ज करने पर फैसला कर देगी। पुराने ​जिलों के कलेक्टरों को नए जिलों के पावर एक साल तक बढ़ाने के पीछे भी यही बड़ी वजह है। यह अवधि पूरी होने से पहले जिलों पर फैसला हो जाएगा।

गहलोत के राज में बने जिलों पर लटकी तलवार 

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