भीषण हादसा-: हाइवे पर ट्रक-बाइक में टक्कर, पिता के साथ इकलौते बेटे की भी मौत, मां-बेटी पर टूट पड़ा दु:खों का पहाड़
भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा-चित्तौडग़ढ़ हाइवे पर गुवारड़ी के नजदीक बीती रात सडक़ हादसे में पिता व इकलौते बेटे की मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना से जहां मां-बेटी पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा, तख्तपुरा गांव में शोक छा गया। जिसने भी यह खबर सुनीं उसकी आंख नम हो गई। शव, शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के सुपुर्द किये गये।
मंगरोप थाने के दीवान शंकरनाथ ने बीएचएन को बताया कि तख्तपुरा निवासी देवीलाल 44 पुत्र भंवरलाल अहीर के पास ट्रक है। इस ट्रक को ठीक कराने के लिए देवीलाल अपने 20 साल के इकलौते बेटे राजमल के साथ गुरुवार को भीलवाड़ा के ट्रांसपोर्ट मार्केट गये थे। देर शाम, पिता-पुत्र बाइक से तख्तपुरा के लिए रवाना हुये। वे, चित्तौडग़ढ़ हाइवे पर गुवारड़ी स्थित नायरा पेट्रोल पंप के पास पहुंचे थे कि सामने से आये ट्रक को चालक ने लापरवाही से चलाकर बाइक को टक्कर मार दी। इस भीषण दुर्घटना में बाइक सवार पिता-पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गये। दोनों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया। जिनका पोस्टमार्टम शुक्रवार सुबह करवाया गया। दोनों शव परिजनों के सुपुर्द कर दिये गये। उधर, पिता-पुत्र की मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया। परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं गांव में भी शोक छा गया। हर कोई इस हादसे की सूचना सुनकर मृतकों के घर की तरफ ही जा रहा था।
देवीलाल की पत्नी व बेटी पर टूटा दु:खों का पहाड़
देवीलाल अहीर व उसके इकलौते बेटे राजमल की मौत के बाद उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है, जिन पर इस हादसे से दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। हादसे की खबर मिलने पर पत्नी और बेटी की चीत्कार फूट पड़ी। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मां-बेटी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गांव की अन्य महिलाओं तथा परिजनों ने जैसे-तैसे उन्हें संभाला लेकिन वे संभल नहीं पा रही थी।
एक ही चिता पर पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के अनुसार, देवीलाल अहीर व उनके बेटे राजमल के शव पोस्टमार्टम के बाद जिला अस्पताल से तख्तपुरा ले जाये गये। जैसे ही शव गांव और घर पहुंचे, वहां कोहराम मच गया। परिजनों चीत्कार से गांव में माहौल गमगीन हो गया। बाद में घर से अंतिम यात्रा श्मशान के लिए रवाना हुई। श्मशान में जवान इकलौते बेटे राजमल के साथ एक ही चिता पर पिता देवीलाल का भी दाह संस्कार हुआ तो वहां मौजूद लोगों में कोई अपने आंसू नहीं रोक पाया। यह पल बेहद मार्मिक था।