राजस्थान में लू-तापघात से अब तक एक भी मौत नहीं, चिकित्सा विभाग का दावा

Update: 2024-05-25 17:26 GMT

जयपुर। प्रदेश में अब तक हीट स्ट्रोक से एक भी मृत्यु रिपोर्ट नहीं हुई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही, अस्पतालों में लू-तापघात से संदिग्ध एवं कन्फर्म्ड मृत्यु की रिपोर्टिंग के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा भारत सरकार के प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुसार जांच के बाद ही हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इस प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश में फिलहाल एक भी मौत हीट स्ट्रोक के कारण रिपोर्ट नहीं हुई है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को मुख्य सचिव द्वारा विभिन्न विभागों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रदेश में एक मार्च 2024 से 25 मई को प्रातः 10 बजे तक चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन स्थिति में करीब 82 हजार रोगी आए। इनमें से 2243 रोगी हीट स्ट्रोक के थे।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत प्रमाणित नहीं हुई है। विभाग द्वारा प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुरूप ही डेथ ऑडिट की जा रही है। कोटा और जयपुर में एक-एक मौत लू-तापघात से संदिग्ध श्रेणी में मानी गई थी, डेथ ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों मौत को भी हीट स्ट्रोक के कारण नहीं होना पाया है।

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