ऐसी क्या योजना थी पुलिसकर्मियों की जो पुलिस मुखिया को जारी करना पड़ा आदेश!
भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। भीलवाड़ा के साथ ही राजस्थान में पुलिसकर्मियों द्वारा होली बहिष्कार के बाद अब एक पुलिसकर्मियों द्वारा 18 मार्च से मैस बहिष्कार का अभियान चलाने की सुगबुगाहट सुनाई दी है। यह मामला संज्ञान में आने के बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक यूआर साहू ने सभी पुलिस आयुक्तों, रेंज महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी कर कर्मचारियों को समुचित मार्ग दर्शन करने के निर्देश दिये हैं। इसकी पालना में आज भीलवाड़ा के अधिकांश थानों में उपाधीक्षकस्तर के अधिकारियों थाना प्रभारियों ने पुलिसकर्मियों से संवाद भी किया।
डीजीपी ने बताया अनुशासनहीनता
जारी आदेश में डीजीपी ने कहा कि संज्ञान में आया है कि कुछ अधीनस्थ पुलिसकर्मियों द्वारा 18 मार्च 2025 को मैस बहिष्कार का अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। यह कृत्य संगठनात्मक अनुशासनहीनता के साथ-साथ पुलिस विभाग की गरिमा के प्रतिकूल है।
कर्मचारियों का करें मार्गदर्शन
डीजीपी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, पुलिस उपायुक्त आदि को आदेश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि अधीनस्थ कर्मचारियों को समुचित मार्गदर्शन कर इस विषय पर अवगत कराया जाए। इस संबंध में आज ही संपर्क सभा/ब्रीफिंग सत्र आयोजित किए जायें।
इन बिंदुओं पर की समझाइश
० पुलिस मुख्यालय को अधीनस्थ पुलिस कर्मियों की समस्याओं और मांगों की पूरी जानकारी है और इन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि उनकी जायज मांगों का यथासंभव समाधान किया जा सके।
० सरकारी प्रक्रियाओं में एक निश्श्चत समय लगता है और किसी भी नीतिगत निर्णय को अमल में लाने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और वित्तीय प्रावधान आवश्यक होते हैं। इस कारण, आए दिन विरोध प्रदर्शन करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि संगठनात्मक अनुशासन भंग होने की संभावना बढ़ेगी, जो किसी के भी हित में नहीं है।
० राज्य सरकार के बजटीय प्रावधान सीमित होते हैं और प्रत्येक विभाग की आवश्यकताओं को देखते हुए वित्तीय संसाधनों का समुचित आवंटन किया जाता है। सभी कर्मचारियों की सभी माँगों को एक ही वित्तीय वर्ष में पूरा कर पाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हैं। इसलिए, सभी पुलिस कर्मियों को धैर्य रखना चाहिए और अनुशासन बनाए रखते हुए संगठन की गरिमा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
० यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ असंतुष्ट एवं सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी, जो वर्तमान में पुलिस संगठन का हिस्सा नहीं हैं, अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। सभी पुलिस कर्मियों को इन गुमराह करने वाले तत्वों से सतर्क रहना चाहिए और उनके प्रभाव में आने से बचना चाहिए।
० पुलिस मुख्यालय अपने सभी कर्मियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है। इसलिए, अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और मुख्यालय द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
० किसी भी प्रकार का विरोध या बहिष्कार सेवा शर्तों के अनुरूप नहीं है और यह न केवल विभाग की छवि को धूमिल करता है, बल्कि इससे संगठन की कार्यक्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पुलिस बल का कर्तव्य समाज में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना है, न कि अनुशासनहीन गतिविधियों में सलिप्त होकर संगठन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना।
...तो की जायेगी कठोर कार्रवाई
आदेश में कहा गया है कि जो भी पुलिसकर्मी विरोध, आंदोलन या अनुशासनहीन गतिविधियों को भडक़ाने अथवा नेतृत्व करने में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके विरूद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की गतिविधियों को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे कर्मियों की पहचान कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।