राजा दशरथ ने की राम राज्यभिषेक की घोषणा, राम को जाना पड़ा वनवास

Update: 2024-10-10 11:45 GMT

भीलवाड़ा। श्री रामलीला कमेटी की ओर से आजाद चौक में रामलीला मंचन के सातवें दिन राजा दशरथ के राम राज्यभिषेक की घोषणा से अयोध्या में खुशियाँ छा गईं। मंचन में मुख्य रूप से राजा दशरथ का प्रजा, मंत्री एवं गुरु वशिष्ठ से सहमति लेकर राम का राज्याभिषेक के लिए घोषणा करना, अयोध्या में नगर वासियों द्वारा खुशियां मनाना, मंथरा का राम की जगह भरत को राज्य दिलाने की सोचना, राम को 14 वर्ष का वनवास दिलाना, मां सरस्वती का मंथरा की बुद्धि को विपरीत कर देना, मंथरा का केकई को उकसा कर राजा दशरथ से दो वर मांगने के लिए कहना, पहले वर में राम को 14 वर्ष का वनवास एवं दूसरे वर में भरत का राज्य तिलक मांगना, कोप भवन में दशरथ कैकई संवाद, कौशल्या राम संवाद, सीता राम संवाद, सुमित्रा लक्ष्मण संवाद, उर्मिला लक्ष्मण संवाद, श्रृंगवेरपुर में निषाद राम मिलन आदि दृश्य दिखाए गए। दशरथ का राम के प्रति प्रेम देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। मंचन में दर्शाया गया कि प्रभु राम के वनवास की खबर मिलते ही पूरी अयोध्या व्याकुल हो गई। प्रजा राजकुमार राम से अयोध्या छोड़ कर वन प्रस्थान ना करने की गुहार लगा रही थी। मगर राम रघुकुल की मर्यादा का पालन करने को प्रतिबद्ध थे। पिता के दिए हुए वचन को पूर्ण करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी, पिता दशरथ का मान सम्मान उनके फैसले से जुड़ा था और मर्यादा पुरुषोत्तम राम सारा राजपाट छोड़कर पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ वन के लिए राजमहल से निकल पड़े।

प्रभु राम आगे आगे अयोध्या की प्रजा उनके पीछे-पीछे। प्रभु राम प्रजा से वापस जाने को कहते मगर राम के मोह में डूबी प्रजा जाने को राजी नहीं थी। आखिरकार अयोध्या राज्य के प्रवेश द्वार के पास प्रभु राम ने प्रजा को आदेश दिया, "मैं आदेश देता हूं कि अयोध्या के सभी नर और नारी वापस अयोध्या लौट जाएं। मैं वचन देता हूं कि 14 वर्ष बाद निश्चित समय अवधि पर मैं अयोध्या लौट आऊंगा। पूरे मंचन को देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए

लादूलाल भांड ने किया दशरथ का अभिनय

दशरथ का अभिनय लादूलाल भांड, केकई का मंजू पाराशर, कौशल्या का माया सालवी, सुमित्रा व मंथरा का अलका त्रिपाठी, राम का दीपक सोनी, लक्ष्मण का गौरव सिंह, सुमन का कैलाश पारीक, निषाद का अशोक शर्मा ने किया।

आरती में यह रहे मुख्य अतिथि

मंचन की शुरुआत से पूर्व हुई आरती में अतिथि डॉक्टर आरएस बांगड़, सरला बांगड़, पार्षद ओम साईराम पाराशर, डॉक्टर अजय गर्ग, डॉक्टर रेणु गर्ग, पलक गर्ग, जितेंद्र ओझा, साधना ओझा, चितवन व्यास, ओम मुंदड़ा, जितेंद्र सोनी, आदि थे। कमेटी के अध्यक्ष पंडित गोविंद व्यास, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, मुख्य निर्देशक नंदकिशोर जीनगर, वरिष्ठ निदेशक भेरूलाल सेन, संरक्षक मंजू पोखरना, अशोक पोखरना आदि ने दुपट्टा पहना कर अतिथियों का स्वागत- अभिनंदन किया। आगामी मंचन में केवट प्रसंग, सीता हरण, बाली वध, रावण सीता संवाद, हनुमान रावण संवाद, रामेश्वरम स्थापना, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण मूर्छा, कुंभकरण-मेघनाथ युद्ध, अहिरावण वघ, रावण वध, भगवान श्री राम का राज्याभिषेक आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। 

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