देर रात पालने में छोड़ गए बालिका, नाम रखा दीया

Update: 2024-10-24 09:38 GMT

भीलवाड़ा। महात्मा गांधी चिकित्सालय के पालनाघर में बीती रात एक नवजात बालिका को अज्ञात व्यक्ति छोड़ गया। पालनाघर की घंटी बजने पर अस्पताल स्टॉफ ने बालिका को वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे। बाल कल्याण समिति ने बालिका का नामकरण करने के साथ ही अस्पताल प्रशासन को उसके बेहतर उपचार का प्रबंध करने के निर्देश दिए। उधर चिकित्सकों की माने तो बालिका का समय से पहले जन्म होने के चलते उसे सांस लेने में दि€कत है ऐसे में उसका गहन इकाई में उपचार किया जा रहा है।

दरअसल, महात्मा गांधी अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई में देर रात 1.40 बजे पालने की घंटी घनघनाई तो चिकित्साकर्मी दौड़ पड़े। देखा तो पालने में कोई नवजात बालिका को छोड़ गया। बालिका को तत्काल एनआईसीयू में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह राजपूत ने बताया कि बालिका का जन्म पालने में छोडऩे से कुछ समय पहले ही हुआ है। वह समय से पहले जन्मी है। उसका वजन एक किलो तीन सौ ग्राम है। प्री मेच्योर होने के चलते उसके फैफड़े पुरी तरह विकसित नहीं हुए। उसे सांस लेने में दि€कत है ऐसे में उसके फैफड़े विकसति करने की दवा दी जा रही है। बालिका जल्द ठीक हो जाएगी। उधर बालिका के पालने में मिलने की सूचना पर गुरुवार दोपहर बाद बाल कल्याण समिति अध्यक्ष चन्द्रकला ओझा समेत सदस्य अस्पताल पहुंचे और बालिका को दीपावली से पहले पालने में आने के कारण दीया नाम दिया। बालिका के बेहतर उपचार के लिए अस्पताल प्रशासन व सुरक्षा के लिए पुलिस को पत्र लिखा। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि बच्चों की स्थिति गंभीर है उसे बचाने का पुरा प्रयास किया जा रहा है।

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