माधव गौशाला के कार्यकर्ताओं की हुई प्रशिक्षण बैठक

By :  vijay
Update: 2024-11-22 12:21 GMT

भीलवाड़ा  । परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान के कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षण बैठक माधव गौशाला में हुई। संस्थान के अध्यक्ष डीपी अग्रवाल ने इस मौके पर कहा कि गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है.वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है। जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं। गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे, गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है। जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है। गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते। गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है। गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है। गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है। गाय इस धरती पर साक्षात देवता है। गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है.मनोकामना पूर्ण करने वाली है। गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है। गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है -किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है। गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है । उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है, रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है। गौ माता का दूध अमृत है। गौ माता धर्म की धुरी है,गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकती है।गौ माता जगत जननी है। गौ माता पृथ्वी का रूप है। गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी है.गौ माता के बिना देवों वेदों की पूजा अधुरी है। एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है। गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है। गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न है। गौ माता साक्षात् मां भवानी का रूप है। गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते है।

संस्थान के सचिव सत्य प्रकाश गगड़ ने बताया कि गौ माता के दूध घी मखन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है,इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं। गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है,उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती। तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है.वो वैतरणी गौ माता की पुछ पकड कर पार करता है। उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है। गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता है। गौ माता सभी देवी देवताओं मनुष्यों की आराध्य है, इष्ट देव है। साकेत स्वर्ग इन्द्र लोक से भी उच्चा गौ लोक धाम है।

संस्थान के अजीत सिंह ने बताया कि गौ माता के बिना संसार की रचना अधुरी है। गौ माता में दिव्य शक्तियां होने से संसार का संतुलन बना रहता है। गाय माता के गौवंशो से भूमि को जोत कर की गई खेती सर्वश्रेष्ट खेती होती है। गौ माता जीवन भर दुध पिलाने वाली माता है । गौ माता को जननी से भी उच्चा दर्जा दिया गया है ।

संस्थान के मदनलाल धाकड़ ने बताया कि जहां गौ माता निवास करती है वह स्थान तीर्थ धाम बन जाता है। गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है। जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है। गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है। गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है; छोडती है. वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है। गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे। गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं। जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है। स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं। गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है। गाय इस संसार का प्राण है। काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है। गाय धार्मिक ; आर्थिक ; सांस्कृतिक व अध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है । गाय एक चलता फिरता मंदिर है.हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है.हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा,जो व्यक्ति मोक्ष गौ लोक धाम चाहता हो उसे गौ व्रती बनना चाहिए। गौ माता सर्व सुखों की दातार है। इस मौके पर सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। 

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