ड्यूटी स्कूल में चर्चा काम की: सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ने पर लगाई रोक, नहीं माने तो होगी कार्रवाई

Update: 2024-12-18 03:48 GMT

भीलवाड़ा। निजी कोचिंग संस्थानों में अब सरकारी टीचर पढ़ा नहीं सकेंगे और नहीं वह अपने स्तर पर ट्यूशन दे सकेंगे शिक्षकों को अब ट्यूशन नहीं पढ़ने का शपथ पत्र भी देना होगा ।शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर सरकारी अध्यापकों को ट्यूशन पढ़ने पर रोक लगाई हैं ।सरकारी शिक्षकों की ओर से ट्यूशन और कोचिंग में पढ़ाने के प्रकरण सामने आने के बाद शिक्षा निदेशक ने इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षा सत्र शुरू होते ही सभी सरकारी विषय अध्यापकों को ट्यूशन नहीं पढ़ाने का शपथ पत्र देना होगा।

सेवारत शिक्षकों की ओर से प्राइवेट कोचिंग सेंटरों में पढ़ाने और ट्यूशन करने को शिक्षा विभाग ने गलत माना है। शिक्षक और कार्मिक की ओर से विभाग की स्वीकृति के बिना स्वयं के निजी कोचिंग सेंटर चलाने की शिकायत मिलने के बाद सभी संस्था प्रधानों को ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने के आदेश दिए हैं। वहीं शिकायत मिलने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 तथा राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम-1971 के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं संबंधित डीईओ माध्यमिक को स्कूल के निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं से व्यक्तिगत संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षक उच्च माध्यमिक कक्षाओं के दो और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के तीन स्टूडेंट्स को शिक्षक ट्यूशन पढ़ा सकेंगे। इसके लिए संबंधित शिक्षक को अपने संस्था प्रधान से अनुमति लेनी होगी। निर्धारित छात्र संख्या से अधिक पर अनुमति नहीं मिलेगी।

ऐसी रोग पहले भी लग गई थी लेकिन सरकारी टीचर घरों पर कई क्लासें चलाते हैं और निजी शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवाएं देते है इन पर रोक लगाई नहीं जांच की है।

ड्यूटी स्कूल में काम दूसराbhi 

कुछ स्कूलों में ऐसे अध्यापक भी है जो दिखावा के लिए स्कूल में तो आते हैं लेकिन काम दूसरा ही करते हैं। यह भी चर्चा है की कुछ टीचर तो प्रॉपर्टी के कारोबार में लिप्त है जो स्कूल में भी इस तरह की चर्चा करते हुए नजर आते है

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