जैविक खेती समय की जरूरत - टी.सी.छाबड़ा
गुलाबपुरा। प्रकृति की जैविक खेती एवं चारागाह भूमियों के विकास हेतु फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी एवं सरोज देवी फाउंडेशन एवं अपना संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में विभिन्न अनुसांगिक संगठन के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का आयोजन किया गया जिसमें वर्तमान परिदृश्य में जैविक खेती की जरूर एवं चारागाह भूमियों के सुरक्षा एवं प्रबंधन की जरूरत के साथ ही कार्य करने कार्य करने की आवश्यकता पर विचार विमर्श किया गया ।
बैठक को संबोधित करते हुए फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के शांतनु सिन्हा राय ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ योजना बनाते हुए चारगाह भुमि का विकास कार्य क्रियान्वयन एवं ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण प्रक्रिया के साथ जुड़कर विकास कार्य किए जाने की संभावनाओं पर जोर दिया गया ।
सरोज देवी फाउंडेशन के त्रिलोक चंद छाबड़ा ने बताया कि समाज में जिस प्रकार खतरनाक रासायनिक प्रयोग के बढ़ते प्रकोप से समुदाय के स्वास्थ्य एवं प्रकृति के ऊपर विपरीत प्रभाव से निजात दिलाने के लिए जैविक खेती समय की जरूरत बन गई है जिससे जल्दी से जल्दी समाधान की ओर बढ़ाने के लिए भिन्न-भिन्न संगठनों के संयोजन से विस्तृत भूभाग पर जैविक खेती चारागाह भूमि विकास गोपालनके काम को करना है तथा जुड़कर धरातल पर काम करना होगा ।
अपना संस्थान के विनोद मेलाना ने बताया कि हमारे क्षेत्र में इस प्रकार के कार्यों से संबंधित सफल उदाहरण मॉडल प्रस्तुत है जिन्हें प्रेरणा लेकर कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ना होगा । गोयल ग्रामीण संस्थान कोटा जैसे प्रकल्प समुदाय को प्रभावित कर सकते हैं। एफ ई एस संस्थान द्वारा किए गए चारागाह विकास के कार्यों को देखकर भी प्रेरणा ली जा सकती है । इस बैठक कार्यक्रम में आगामी कार्य योजना पर विचार किया गया जिसमें एक्सपोजर विजिट एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं के समूह की रचना करना ग्राम समुदायों के साथ संपर्क करना एवं कार्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से संगठन संरचना तैयार करना पर चर्चा किया गया। बैठक में गोपाल लाल कमल किशोर नरेंद्र केलानी रामकिशन शर्मा आदि प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।