आर टी ई बच्चों से पुस्तकों के नाम पर अवैध वसूली के विरुद्ध दर्ज करवाया परिवाद
भीलवाड़ा BHNदस्तक संस्था द्वारा आर टी ई छात्र छात्राओं से पुस्तकों के नाम पर अवैध वसूली के विरुद्ध दस्तक संस्था के उदयलाल बोराणा ने स्थाई लोक अदालत में राजस्थान राज्य जरिये जिलाधीश भीलवाड़ा के खिलाफ परिवाद पेश किया ।
एडवोकेट कुणाल ओझा व एडवोकेट नवरत्न जैन ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अनुसार भारत राज्य क्षेत्र में निवास करने वाले छः वर्ष से चौदह वर्ष के बालकों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है, आर टी ई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है, लेकिन वर्तमान में निजी स्कूल आर टी ई बच्चो से पुस्तकों व ड्रेस के नाम पर हजारों रुपये वसूल कर रहे है ।
निजी स्कूलों द्वारा जो आर टी ई के बच्चों से पुस्तकों ओर ड्रेस ने नाम पर जो हजारों रुपये लिए जा रहे है यह हमारे संविधान के विरुद्ध है ।
आर टी ई में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार द्वारा अभिभावकों के खातों में 202 रुपये डालेगी जबकि करीब 10 हजार रुपये तक निजी स्कूल परिजनों से वसूल रहे है ।
आर टी ई बच्चो से की जाने वाली अवैध वसूली के विरुद्ध दस्तक संस्था भीलवाड़ा ने स्थाई लोक अदालत भीलवाड़ा में राजस्थान राज्य जरिए जिलाधीश भीलवाड़ा व जिला शिक्षा अधिकारी भीलवाड़ा के विरुद्ध परिवाद दर्ज कराया है ।
परिवाद दर्ज हो गया है, स्थाई लोक अदालत भीलवाड़ा द्वारा जिलाधीश व जिला शिक्षा अधिकारी भीलवाड़ा को नोटिस जारी होंगे व आगामी तारीख पेशी 8 मई रहेगी ।