प्रयागराज महाकुंभ में होगा 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ

Update: 2025-01-18 08:36 GMT

भीलवाड़ा । धर्म संघ भीलवाड़ा के तत्वावधान व करपात्री महाराज के सानिध्य और संत त्रंयबकेश्वर महाराज के मार्गदर्शन में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 18 में किया जा रहा है। राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि इसमें 44000 क्विंटल काले तिल एवं घी से आहुतियां दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रयागराज महायज्ञ की भूमि है क्योंकि सृष्टि कर्ता ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रथम यज्ञ तीर्थराज प्रयागराज में किया था तथा इस वर्ष पूर्ण महाकुंभ में एक अद्भुत संयोग बन रहा है जिसमें मंगल कामना के लिए इस सृष्टि में वैदिक यज्ञ ही एकमात्र साधन है जिसमें देवताओं को प्रसन्न करके मनुष्य अपने जीवन को सफल बनाकर चारित्रिक विकास ,आध्यात्मिक उन्नति एवं स्वास्थ्य संरक्षण कर परम गति की प्राप्ति कर सकता है। वेदों में यज्ञ ही एकमात्र साधन है जिसके द्वारा सभी इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है तथा पूर्ण महाकुंभ 144 वर्ष में मानव जीवन में मात्र एक बार ही प्राप्त होता है इसलिए इन महापुरुषों ने इस ऐतिहासिक समय में आधुनिक समय का सबसे बड़ा महायज्ञ करने का संकल्प लिया है। इस पुण्य की प्राप्ति के लिए 1 करोड़ 25 लाख सदस्यों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करवाया जा रहा है जिसके लिए वेबसाइट www.Vedic kayakalp.org में फॉर्म भर के एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा जिसके द्वारा महायज्ञ में क्रमवार आहुतियां दी जाएगी। इसका किसी भी प्रकार का शुल्क किसी से नहीं लिया जा रहा है परंतु यज्ञ में दान की प्रधानता है उसके बिना पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है इसीलिए श्रमदान मांग कर यह यज्ञ किया जा रहा है। 

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