चम्बल परियोजना गुरलाँ मे राइजिंग लाइन डालनी भूली ,पुरानी लाइन से कम दबाव से पानी मिल रहा ,फ्लोराईड पानी पीने को मजबूर

Update: 2024-10-05 09:08 GMT

गुरलाँ  (बद्रीलाल माली) भीलवाड़ा जिले की महत्वाकांक्षी चम्बल परियोजना का जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गुरलाँ मे पानी नहीं मिल रहा है जबकि यहाँ से पाईप लाइन निकल रही है। पीएचईडी द्वारा गुरलाँ मुख्यालय पर पंचायत द्वारा मजरे में पेयजल सप्लाई करती है।

चम्बल परियोजना द्वारा गुरलाँ मे टंकी तक राईजिंग पाईप लाइन नहीं डालने के कारण गुरलाँ मे पानी नहीं मिल रहा है जबकि पुरानी लाइन है वह भी सीमेंट की जिसमें पानी कम दबाव से छोडते है और ज्यादा पानी छोडने पर यह लाईन फूट जाती है जो यह पानी पंचायत के द्वारा पेयजल गुरलाँ के मजरे में दे देतें है और गुरलाँ मुख्यालय पर चम्बल परियोजना का पानी नहीं मिल रहा है। गुरलाँ मे 4-6 इंच की राइजिंग लाइन से टंकी को नहीं जोडने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।

डिस्ट्रीब्यूटशन लाईन में लिकेंज एवं गन्दगी से बीमारी की संभावना

गाँव की डिस्ट्रीब्यूटशन लाईन के हालात भी खराब है जगह जगह लिकेंज होने के कारण नालियों का पानी वापसी पाईप में चला जाता है साथ ही वाल्व की कुड़ीयो में भी लिकेंज एवं गन्दगी देखीं जा सकतीं है बस स्टैंड स्थित वाल्व के पास लोगों द्वारा यूरिन कर गन्दगी फैल रही है जिससे बिमारियों होने की संभावना है

फ्लोराइड  पेयजल की सप्लाई

जिस कारण से गुरलाँ बस स्टैंड स्थित कुआँ से 1000 - 1100 टीडीएस फ्लोराइड युक्त पानी सप्लाई कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है जहाँ सरकार करोड़ों रूपये पेयजल पर खर्च करने के बावजूद गुरलाँ मुख्यालय पर शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है

अमृत 2 योजना के तहत टंकी का निर्माण करे

गुरलाँ में विधायक पितलिया व सांसद से केन्द्र सरकार की अमृत 2 योजना के तहत पानी की बड़ी टंकी का निर्माण किया जाए पहले की टंकी जरजर अवस्था में है उसकी जगह नई टंकी जो गुरलाँ की जनसंख्या के हिसाब से प्रतिदिन पानी की आवश्यकता की पूर्ति के हिसाब से भराव क्षमता की टंकी का निर्माण करने की मांग की

नई राईजिंग पाईप डालने की मांग

जबकि जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से गुरलाँ वासियों ने चम्बल परियोजना का पानी एवं तालाब के उस किनारे पर सरकारी कुआँ से गुरलाँ मे स्थित पानी की टंकी तक नई राइजिंग लाइन डाल कर फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराने की मांग की साथ केन्द्र सरकार की अमृत 2 योजना के तहत पानी की टंकी बनाएं

इस समस्या पर नहीं तो जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान जा रहा है।

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