30 अगस्त को मनाया जाएगा बछ बारस, पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाएं करती हैं व्रत

Update: 2024-08-29 07:27 GMT

भीलवाड़ा (मदनलाल वैष्णव)। जिले में श्रावणमास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को किया जाने वाला वत्स बारस व्रत शुक्रवार को महिलाओं की ओर से श्रद्धा पूर्वक किया जाएगा। महिलाएं गोवत्स का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना करेगी। महिलाएं बिना कुछ खाए-पीए पहले गौ के बछड़े का पूजन करेगी। व्रतधारी महिलाएं अक्षत, कुमकुम, चंदन, अबीर, गुलाल, धान, मेहंदी आदि पूजन सामग्री ले कर गौवत्स एवं गौ पूजन करेगी। जिन घरों में गौवत्स एवं गाय दोनों है उन घरों में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी। व्रत को लेकर महिलाएं गौ एवं उसके बछड़े का पूजन करेगी और व्रत की पौराणिक कथा का श्रवण करेगी। शाम को व्रत खोलने से पूर्व महिलाएं मक्की की रोटी और उबाले हुए मूंग की दाल का भोग गाय को लगाने के बाद में भोजन करेगी।

इस दिन गेंहू से बने हुए पकवान और चाकू से कटी हुई सब्जी नही खाये जाते हैं। बाजरे या ज्वार का सोगरा और अंकुरित अनाज की कढ़ी व सूखी सब्जी बनाई जाती है। इस दिन गाय की दूध की जगह भैंस या बकरी के दूध का उपयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है की बछ बारस के दिन गाय और बछड़ो की पूजा करने से भगवान कृष्ण सहित गाय में निवास करने वाले सैकड़ो देवताओ का आशीर्वाद मिलता है जिससे घर में खुशहाली और सम्पन्नता आती है। बछबारस का पर्व राजस्थानी महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय है।

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