7 फरवरी को होगा धरना प्रदर्शन, रिपोर्ट की होली जलाएंगे राज्य कर्मचारी
भीलवाड़ा ।खेमराज समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से यह स्पष्ट हो गया है कि खेमराज चौधरी की रिपोर्ट पूरी तरह शासन और सरकार के इशारों पर बनाई गई है, आश्चर्य जनक स्थितियां तो यह है कि इस रिपोर्ट में राज्य सेवा के उन अधिकारियों को लाभान्वित किया गया है जो अपना पक्ष रखने के लिए गए तक नहीं है । अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा ने बताया कि 7 फर को राज्य कर्मचारी इस रिपोर्ट की होली जलाएंगे।
शर्मा ने आगे बताया कि इस रिपोर्ट में जिन संवर्गों के वेतनमान में सुधार किया गया है उन्हें कभी बुलाया ही नहीं गया है और अधीनस्थ सेवाओं के जिन कर्मचारी संगठनों ने संपूर्ण तथ्यों के आधार पर अपना पक्ष रखा था उनकी मांगों और सुझावों पर सहमति के उपरांत एक भी सकारात्मक सिफारिश नहीं की गई है। कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पारस मल कुमावत ने कहा कि कर्मचारी वेतन विसंगति रिपोर्ट के प्रारंभिक अध्ययन से यह स्पष्ट हो गया है कि जिस भी कैडर में कर्मचारियों की संख्या अधिक है उनकी जायज मांगों को अधिक वित्तीय भार की गणना के आधार पर खारिज कर दिया गया है और विभिन्न विभागों में अधिकारियों के उच्च पदों के वेतनमानों में ही बढ़ोतरी की गई है। कुछ ही संवर्ग ऐसे हैं जिनमें पूरे कैडर की संख्या ही 2000 से कम है उनके वेतनमानों में जरूर आंशिक संशोधन किया गया है। जिला महासंघ के महामंत्री नारायण लाल गुर्जर ने कहा कि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर कर्मचारियों में भारी निराशा और आक्रोश व्याप्त है। कमेटी की रिपोर्ट के विरोध के चलते आगामी 7 फर को राज्य कर्मचारियों को ना उम्मीद करने वाली इस रिपोर्ट की राज्य कर्मचारी होली जलाएंगे, अन्य 11 सूत्री मांगों में पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त करने, राज्य कर्मचारियों के 53 हजार करोड़ रुपये जीपीएफ खाते में जमा करवाने और राजस्थान में पुरानी परिभाषित पुरानी पेंशन योजना यथावत रखने, राज्य सरकार, वेतन विसंगतियों का निराकरण करने, कार्मिकों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपए निर्धारित करने, माह जनवरी 2020 से माह जून 2021 तक का महंगाई भत्ते के एरियर का नगद भुगतान करने, ग्रामीण सत्र के कार्मिकों को मूल वेतन का 10% ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करने, सभी तरह के कर्मचारियों के लिए पांच पदोन्नति के अवसर दिए जाने, सभी संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारी को नियमित करने, बैंक / बीमा की स्थानांतरण नीति के अनुरूप राज्य कर्मचारियों के लिए पारदर्शी एवं स्पष्ट स्थानांतरन नीति लागू कराई जाने, आरजीएचएस स्कीम के अंतर्गत की जा रही कटौती को बंद करने, बंद दवा को बहाल करने, पुलिस सेवा एवं आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देना सुनिश्चित करने, कार्यशील समय निर्धारित करने, पुलिस कार्मिकों की लंबित पदोन्नतियां, डीपीसी शीघ्र कराने आदि का ज्ञापन जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा। राज्य कर्मचारी महासंघ के घटक संघों के कर्मचारी नेता पारसमल कुमावत, भेरू लाल जोशी, शांतिस्वरूप जीनगर, अशोक जीनगर, लालाराम गुर्जर, कन्हैयालाल शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, रतन लाल शर्मा, उमा बैरवा, भेरू सिंह राजपूत, संजय झा, सारिका यादव, हरिप्रसाद रैगर, सुनील खोईवाल, नारायण गाडरी, वीरेंद्र सिंह चौहान, जुगल शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे।