भीलवाड़ा में भी है अटपटे और हंसी नाम वाले गांव

Update: 2024-06-15 07:25 GMT
भीलवाड़ा में भी है अटपटे और हंसी नाम वाले गांव
  • whatsapp icon

भीलवाड़ा । औद्योगिक और धार्मिक नगरी भीलवाड़ा संस्कृति से ही ओत-प्रोत नहीं है। बल्कि कई तरह के अजब गजब गांव नाम सुनकर भी लोग चौंक जाते है। भीलवाड़ा ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में ऐसे गांवों के नाम है जो अटपटे लगते है ।

भीलवाड़ा की बात करें तो जिले के कई गांव ऐसे है जिनके नाम लोगों के लिए अटपटे तो है ही लेकिन हंसी जैसे भी है। एक गांव का नाम कान्दा है तो एक का नाम आमली, चौधरियास, पौंडरास, लोड़ा महुआ। करेड़ा क्षेत्र में एक गांव का नाम ही रेल है। गंगापुर में रंगीली और मेहंदी नामक गांव है।

वहीं कुछ गांव ऐसे है जिनके नाम सुबह सुबह नहीं लेते है। वे है खैराबाद, गंगरार आदि शामिल है जिन्हें दूसरा नाम लेकर पुकारते है। बिजौलिया में स्थित गांव पापड़बड़ा, भीलवाड़ा जिले में कटार, रोपा, मंशा, कोट, भोली भी ऐसे ही गांव है ।

भरतपुर में है इनकी चर्चा :

अजान, पाई, पल्ला, ऊंदरा, नाम, मई, ऊंच जैसे गांवों के नाम आपको आकर्षित करते हैं। बीकानेर जिले में सूई, केला, रोड़ा, दावा गांव। बूंदी जिले में उमर, मरा, डोरा, तीरथ गांव। चित्तौडग़ढ़ जिले में टाई, रायता, शादी गांव। चूरू जिले में लोहा, ओदी, मछरिया और डूंगरपुर जिले में गोल, शरम, कुआं, बोरी, गंजी, माल, पीठ गांव।

मोबाइल से जुड़े गांवों के नाम

श्रीगंगानगर जिले में तो आपको स्मार्टफोन के मेमोरी के रूप में गांव देखने को मिलेंगे। यहां गांवों के नाम में कालिया, कोनी, कोठा, पक्की, बगीचा, ठण्डी, 5 टीके, 12 जीबी, 17 जीबी, 24 जीबी, 28 जीबी, 29 जीबी, 41 जीबी, 42 जीबी, 48 जीबी, 16 बीबी, 19 बीबी, 23 बीबी, 35 बीबी, 37 जीजी, कमीनपुरा और ढाबा शामिल है। जयपुर के गांव भी किसी से कम नहीं हैं। यहां झरना, झाग, सेवा, आंधी, महंगी, पापड़, ताला, लाली, बोबास, रसीली, साली, पापड़, दण्ड और देवता नाम से गांव आपको देखने को मिलेंगे।

जालौर जिले में चूरा, लेटा, नून, ऊण, कूड़ा, कोरा, बाली, राह, तीखी, थांवला, कोड़, खारा गांव। झुंझुनूं जिले में रवा, टीबा, लोटिया, जहाज, नारी, सारी, लूणा, कांट, टाई, बाय गांव। जोधपुर जिले में डोली, भावी, चौढा, उस्तरा, भेड़, तापू, बाप, आऊ, मोटाई, जोड़, छीला, गड़ा, सांई। करौली जिले में घोंसला, डांडा, जमूरा, सोप गांव। कोटा जिले में जुल्मी, भौंरा, रेल, तोरण, हींगी गांव। पाली जिले में टुकड़ा, रास, बूसी, डरी, बोया, नाना, आना, मादा, झूंठा गांव।

उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ जिले में तो आड़, चरी, शकरकंद और बोरी नाम गांवों के हैं। राजसमंद जिले में गंवार, कोयल, आत्मा गांव। सवाई माधोपुर जिले में पढ़ाना, झोंपड़ा, डाबर और भूखा गांव। सीकर जिले में भगेगा, चला, कांकरा, कुली, जाना, सेवा, दायरा, नानी, शिश्यु, धर्मशाला गांव। टोंक जिले में लावा और घास गांव। उदयपुर की बात करें तो घोड़ी से लेकर ढोल तक गांवों के नाम हैं। साथ ही यहां सोम, डाल, काट, जूड़ा, नाई, काया, बड़ी और कविता नाम से भी गांव हैं।

झूठों की ढाणी: पुष्कर के गनाहेड़ा में स्थित झूठों की ढाणी नामक ढाणी का नाम लेते हुए यहां रहने वाले लोगों को लोग हंसी मजाक में झूठा कह देते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां कई लोगों के झूठों का खुलासा हुआ होगा, जिसके बाद यहां का नाम झूठों की ढाणी पड़ा। हालांकि, असली वजह कोई नहीं जानता।

छछूंदरा ग्राम पंचायत: अजमेर जिले के मसूदा में स्थित छछूंदरा ग्राम पंचायत जिसका नाम लेने भर से लोग हसंने लगते हैं। ये बताने में कि मैं छछूंदरा से हूं, लोग शरमा जाते हैं।

राजस्थान में कई ऐसे अजब-गजब नाम वाले रेलवे स्टेशन हैं कि अगर कोई व्यक्ति इन स्टेशनों से गुजरता है तो इनके फोटो जरूर क्लीक करता है। इनमें जोधपुर का साली रेलवे स्टेशन, जो अजमेर से करीब 53 किमी दूर है। उदयपुर के पास स्थित नाना नामक रेलवे स्टेशन जो सिरोही पिंडवारा में स्थित है।

Tags:    

Similar News