मोड़ का निम्बाहेड़ा में नाले में गौवंश का गिरना बना आम बात, पंचायत की लापरवाही से बेजुबान जानवर हो रहे घायल

Update: 2025-06-06 06:48 GMT
मोड़ का निम्बाहेड़ा में नाले में गौवंश का गिरना बना आम बात, पंचायत की लापरवाही से बेजुबान जानवर हो रहे घायल
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भीलवाड़ा। मोड़ का निम्बाहेड़ा में आयुर्वेदिक चिकित्सालय के पास पंचायत द्वारा पानी के लिए बनाया गया नाला अब गौवंश के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। नाले को खुला छोड़ने के कारण आए दिन बेजुबान जानवर इसमें गिर जाते हैं, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आती हैं और कई बार तो उनकी मौत भी हो जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि महीने में पांच-छह बार ऐसे मामले सामने आते हैं जब गौवंश नाले में गिर जाते हैं। गुरुवार शाम को भी एक बैल घास खाने के लिए नाले के पास गया और पैर फिसलने से उसमें गिर गया।

सूचना मिलने पर गौ भक्तों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और बैल को बाहर निकाला। गौ भक्त कुलदीप माली ने बताया कि बार-बार अवगत कराने के बाद भी इस नाले को बंद करवाने की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाने के लिए कोई सुविधा भी नहीं मिलती है।

दिलचस्प बात यह है कि इस टीम में कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चे शामिल हैं, जो अपने खर्चे से गौसेवा की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। वे एक फोन पर 40 किलोमीटर के दायरे में गौ सेवा कर रहे हैं। आज भी उन्होंने गौवंश को बाहर निकालकर उसका उपचार किया।

इस मौके पर टीम में समसेर चौहान, कमलेश आचार्य, किशन रैगर, बबलू तेली, नकुल सोनी, रतन लाल आचार्य, कन्हैया लाल रैगर, इरफान साई, पवन साहू, कमलेश कुम्हार, ललित साहू, रोहित आचार्य और कुलदीप माली सहित कई गोसेवक मौजूद रहे।

स्थानीय लोगों ने पंचायत से मांग की है कि नाले को जल्द से जल्द बंद करवाया जाए ताकि गौवंश को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने गौ भक्तों की टीम के प्रयासों की भी सराहना की और उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

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