भगवान के नाम पर रखे बच्चों के नाम,अंतिम समय में नाम पुकारा तो भी हो जाएगा उद्धार -राजन महाराज

By :  vijay
Update: 2024-09-24 14:37 GMT

भीलवाड़ा, । आजकल के नाम सुनकर मन में दया के भाव आते है। जिनके कोई अर्थ नहीं वह नाम बच्चों के रख देते है। बच्चों के नाम भगवान के नाम पर रखिए। जीवन के अंतिम समय में बच्चे को नाम से पुकारा तो भी जुबान पर भगवान का नाम आएगा ओर जीवन का उद्धार हो जाएगा व भगवत की प्राप्ति हो जाएगी। रामकथा ही देख ले राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुधन चारों भाईयों में से हर एक का नाम गहरा अर्थ रखता है। ये विचार ख्यातनाम कथावाचक पूज्य राजन महाराज ने श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में नगर निगम के चित्रकूटधाम में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के चौथे दिन कथावाचन के दौरान व्यक्त किए। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में आयोजित कथा में चौथे दिन श्रीराम के प्राकट्य के बाद बाललीला प्रसंगों का वाचन किया गया। धर्मनगरी भीलवाड़ा के भक्तगण उमड़ पड़े एवं जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठ भक्तिभाव से कथाश्रवण करता दिखा। व्यास पीठ पर विराजित राजन महाराज ने कहा कि भगवत अनुभूति प्राप्त करने के बाद उसे बयां नहीं कर सकते। भगवान को जानने के बाद जगत में रहने पर भी वह दिखाई नहीं पड़ेगा सब जगह परमात्मा ही नजर आएंगे। जगत की संपति कितनी भी जमा कर ले कोड़ी भी साथ नहीं जाएगी। सत्संग से भगवान का नाम रूपी जो परमधन प्राप्त होगा वहीं हमारे साथ अगले भव में भी जाएगा। जगत के धन के साथ परमधन को भी जमा कीजिए। भगवान अपने दास से बहुत प्रेम करते है जो उनसे कभी कुछ नहीं मांगता। उन्होंने नववर्ष एक जनवरी की बजाय चैत्र प्रतिपदा को मनाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि एक जनवरी को कुछ भी नया नहीं होता जबकि सनातन संस्कृति के नववर्ष चैत्र प्रतिप्रदा पर प्रकृति नवरूप में होती है। राजन महाराज ने कहा कि बोलने की बजाय मौन रहना व्यवहार में कठिन होता है। मौन रहने का ढंग आ जाए तो शत्रु अपने आप समाप्त हो जाएंगे। घर-परिवार में शत्रु नहीं बनाने तो मौन रहना सीख जाए। भगवान राम का जीवन ही देख ले उन्होंने कभी किसी की शिकायत नहीं की मौन में चले गए। वर्तमान में मनुष्य अपने दुःख से कम दूसरों के सुख से अधिक दुःखी है। हम खुद को श्रेष्ठ बनाने की बजाय दूसरों के अहित की कामना करते है। कथा के दौरान मंच पर संत रामदास रामायणी, लालदासजी महाराज, महंत मनोहरदास महात्यागी सहित कई पूज्य संत-महात्मा आदि भी विराजित थे। राजन महाराज के व्यास पीठ पर विराजने के बाद आरती करने वालों में मुख्य जजमान श्री गोपाल राठी, बाबाधाम के विनीत अग्रवाल, बद्रीलाल जाट, एडवोकेट हेेमेन्द्र शर्मा, विमलादेवी जाट, दर्शिका जाट, रविशंकरजी, सीए जीके लवाणिया, दीप्ति लवाणिया, केएल गिल्होत्रा, माहेश्वरी महिला मण्डल की सीमा कोगटा, प्रीति लोहिया, भारती बाहेती, सुमन सोनी, मोना डाड, रेखा शर्मा, किशन मारू, शैलेन्द्रसिंह, लीला तेली, शांतादेवी टांक आदि शामिल थे। शाम की आरती करने वालों में रमेश खोईवाल, हंसराज मधुबाला यादव, अतुल योगिता सुराणा, रमेश संतोष जागेटिया, ओमप्रकाश मधु काबरा, दिनेश शीला विजयवर्गीय, शांतिलाल पोरवाल, दामोदर अग्रवाल, भैरूलाल काबरा, बनवारीलाल मुरारका, चन्द्रप्रकाश चंदवानी, दिलीप रावानी, हरीश मानवानी, कमलेश खेराजानी, प्रकाश कोरानी, जितेन्द्र मोटवानी, जितेन्द्र रंगलानी, भगवान रामचंदानी, आनंदकृष्ण शास्त्री, सुमन डाड, सुशीला जाजू, राधेश्याम विजयवर्गीय, विश्वनाथ प्रतापसिंह, निशांत जैन, सुधीर राठी आदि भक्तगण शामिल थे। विश्राम स्थल से कथास्थल तक रामचरित मानस की पोथी लाने-ले जाने वाले यजमान में मुख्य यजमान श्री गोपाल राठी, एडवोकेट हेमेन्द्र शर्मा, एडवोकेट पवन पंवार, रविशंकरजी, डॉ. उमाशंकर पारीक, बद्रीलाल जाट शामिल थे। अतिथियों का स्वागत श्रीरामकथा सेवा समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज, संरक्षक केसी प्रहलादका, महासचिव कन्हैयालाल स्वर्णकार, कोषाध्यक्ष सीए दिलीप गोयल,मंजू पोखरना, संजय बाहेती, महावीर अग्रवाल, सत्यनारायण काबरा, बद्रीलाल सोमानी, नवनीत बजाज आदि ने किया। मंच का कुशल संचालन पंडित अशोक व्यास ने किया। श्रीराम कथा का वाचन चित्रकूटधाम प्रांगण में 29 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा।

आनंद छाया अयोध्यानगरी में,अवध में प्रकटे भये श्रीराम

श्रीराम कथा के दौरान राजन महाराज के मुखारबिंद से निरन्तर राम भक्ति से ओतप्रोत भजनों की गंगा प्रवाहित होती रही। राम प्रकटोत्सव व बाल लीला प्रसंग के दौरान बधाई गीतों व भजनों पर श्रद्धालु नृत्य कर अपनी खुशी व भावना का इजहार करते रहे ओर पांडाल में जय श्रीराम का जयघोष होता रहा। उन्होंने घर-घर आनंद छायो अयोध्यानगरी में, अवध में प्रकटे भये श्रीराम, आया सांवला सरकार हंसते-हंसते आदि भजनों की प्रस्तुति ने भी माहौल भक्ति से परिपूर्ण कर दिया। हर उम्र वर्ग के श्रद्धालु रामकथा श्रवण का सुअवसर पाकर उत्साहित दिखा। राजन महाराज ने कहा कि अयोध्या में इस वर्ष 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो पूरे विश्व ने आनंद उत्सव मनाया। जब परमात्मा ने साक्षात अवतार लिया उस समय कैसा उत्सव मना होगा इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। अवधवासियों ने ऐसा उत्सव मनाया मानो हर घर में अवतार प्रकट हुआ हो। राजा दशरथ के घर चार संतान जन्म लेने से अवध का आनंद भी चार गुणा बढ़ गया।

भीलवाड़ा के हर क्षेत्र से कथा श्रवण करने उमड़ रहे श्रद्धालु

श्रीराम कथा महोत्सव में चौथे दिन भी हजारों शहरवासी तीव्र उमस की परवाह किए बिना कथा श्रवण के लिए उमड़े। शहर के सभी क्षेत्रों के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों लोग कथा सुनने के लिए चित्रकूटधाम पहुंचे थे। भक्तों में कथा श्रवण के लिए इतना उत्साह था कि कई भक्तगण तो तय समय से पहले ही पूरे परिवार के साथ चित्रकूटधाम पहुंच गए ताकि कथावाचक राजन महाराज के नजदीक से दर्शन हो जाए और कथा श्रवण में कोई परेशानी नहीं आए। कई भक्तगण पूरे परिवार के साथ कथास्थल पर पहुंचे थे। 

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