देवनारायण मंदिर के ताले नहीं खुलवा पाया तो अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा: विधायक भडाणा

Update: 2025-01-24 09:32 GMT

भीलवाड़ा। मांडल कस्बे में 47 साल से बंद भगवान देवनारायण के मंदिर को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। धाार्मिक स्थल पर दावे को लेकर दो पक्षों में पुराना विवाद है। इस पर पुलिस का पहरा है। कुछ संगठनों ने सोशल मीडिया पर 4 फरवरी को मांडल चलो मुहिम छेड़ रखी है। इसे लेकर मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना ने कहा-बंद धार्मिक स्थल खुलवाने के लिए मैं प्रयासरत हूं। मेरी मुख्यमंत्री एवं गृह राज् मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म से भी बात हुई है। कानूनी दायरे में रहकर यह काम होगा।

उन्होंने दावा किया-मैं पांच साल में मंदिर के ताले नहीं खुलवा पाया तो अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। सोशल मीडिया के च€कर में आकर युवा मांडल न आएं। भडाना ने बताया कि करीब 47 साल पहले एक समाज के लोगों ने चबूतरे पर अपने धार्मिक कार्य की अनुमति मांगी थी। उन्हें समाज ने अनुमति दी तो उन्होंने परिसर पर कŽब्जा कर लिया और अपना धर्म स्थल होने का दावा किया। 1977 में मामला न्यायालय पहुंचा। तब न्यायालय ने दरवाजे पर ताला जडऩे के बाद चाबी मांडल थाने में जमा करा दी। धर्मस्थल पर 47 साल से पुलिस का पहरा है। पिछले साल भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर धर्मस्थल से 500 मीटर दूर धार्मिक आयोजन हुआ था। उधर, प्रतीक सेना के अध्यक्ष गोपाल सिंह बस्सी ने कहा कि 4 फरवरी को माही सप्तमी का दिन है। देवनारायण भगवान का बड़ा दिन है। इस दिन हम धर्मस्थल में पूजा करना चाहते हैं। सीएम भजनलाल और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात करेंगे।

तीन साल पहले 11 मार्च 2022 को गोपाल नाम के एक युवक ने धर्मस्थल का ताला तोड़ दिया था। युवक ने वीडियो भी बनाया था। इस पर दूसरे पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने गोपाल को गिरफ्तार कर लिया था।

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