2 साल में सौर शक्ति का उभार ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता राजस्थान

Update: 2025-12-13 13:32 GMT

जयपुर/भीलवाड़ा । विगत समय में भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई वैश्विक ताकत बन कर उभरा है। ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिला है। देश क ऊर्जा परिदृश्य में आ रहे बदलाव (एनर्जी ट्रांजिशन) में राजस्थान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बीते दो वर्ष में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत निर्णय किए गए हैं। निवेश की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया गया है। सौर परियोजनाओं को गति दी गई है। उन्हें भूमि आवंटन की प्रक्रियाओं को सुगम बनाया गया है। स्वाभाविक है कि परियोजनाएं समय से पूरी हो रही हैं और राजस्थान सौर ऊर्जा की रोशनी से दमक रहा है।

सौर ऊर्जा में 27 प्रतिशत और अक्षय ऊर्जा में 16 प्रतिशत की भागीदारी-

राज्य की वर्तमान स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता 41,189 मेगावाट तथा सौर ऊर्जा क्षमता 35,337 मेगावाट पहुंच चुकी है। देश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता में राजस्थान की भागीदारी 27.2 प्रतिशत और अक्षय ऊर्जा में 16.43 प्रतिशत है। बीते दो वर्षों में राज्य की अक्षय ऊर्जा क्षमता में 17 हजार 820 मेगावाट का इजाफा हुआ है। जिसमें सौर ऊर्जा का योगदान 17,326 मेगावाट है। इसके अतिरिक्त 45 गीगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएँ प्रगति पर हैं। देश के सोलर हब के रूप में राजस्थान मजबूती से उभर रहा है।।

विकेन्द्रित सौर ऊर्जा में भी सिरमौर-

सौर ऊर्जा में राजस्थान के बढ़ते प्रभुत्व के पीछे सोलर पार्कों तथा सौर परियोजनाओं के साथ-साथ पीएम-कुसुम एवं पीएम सूर्यघर जैसी योजनाओं का ठोस क्रियान्वयन भी है। इन योजनाओं से राज्य में विकेन्द्रित सौर ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा मिला है। कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के अन्तर्गत बीते दो वर्ष में प्रदेश की गांव-ढ़ाणियों में 2345 मेगावाट क्षमता से अधिक की ग्रिड कनेक्टेड 1047 लघु सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। इस दृष्टि से राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। इसी तरह कम्पोनेंट-बी में 51,927 (कुल 1.15 लाख) ऑफ ग्रिड सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं। इस योजना के माध्यम से किसान अब डीजल पंपों से मुक्ति पा रहे हैं और सस्ती एवं प्रदूषण रहित सौर ऊर्जा को अपना रहे हैं। ग्रिड कनेक्टेड संयंत्रों से करीब 1 लाख 54 हजार से अधिक किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली मिल रही है।

इसी तरह पीएम सूर्यघर योजना में दो वर्ष से भी कम समय में प्रदेश में 441 मेगावाट क्षमता के 1 लाख 9 हजार 209 रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाए जा चुके हैं। पीएम सूर्यघर में स्थापित रूफ टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की संख्या के आधार पर राजस्थान देश में 5वें स्थान पर है।

पूगल में विकसित हो रहा देश का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी पार्क

ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को मिली देश में न्यूनतम टैरिफ-

स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 के अन्तर्गत राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 115 गीगावाट अक्षय ऊर्जा तथा 10 गीगावाट की ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बीकानेर के पूगल में 5 हजार मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता के साथ 2450 मेगावाट क्षमता का दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 6 हजार करोड़ रूपए के निवेश से करीब 6 हजार मेगावाट ऑवर क्षमता की 4 बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। जिनमें देश में न्यूनतम टैरिफ प्राप्त हुई है। इस प्रकार राज्य में वृहद क्षमता का बैटरी एनर्जी स्टोरेज तंत्र विकसित किया जा रहा है। नवम्बर 2027 तक स्थापित होने वाली इन परियोजनाओं से पीक ऑवर्स की डिमांड को पूरा किया जा सकेगा और महंगी बिजली खरीद से मुक्ति मिलेगी। ऊर्जा आत्मनिर्भरता हासिल करने में यह बड़ा कदम होगा।

मिले पुरस्कार-

देश की सौर एवं अक्षय ऊर्जा क्षमता वृद्धि में अहम योगदान के लिए राजस्थान को वर्ष 2024 में गुजरात में आयोजित आरई-इन्वेस्ट समिट में क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसी तरह हाल ही में नवम्बर माह में चेन्नई में हुए विंडर्जी इंडिया-2025 सम्मेलन में भी राजस्थान को एक्सीलेंस इन विंड एवं हाईब्रिड पॉलिसी पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह स्पष्ट करता है कि भारत अब तेज़ी से हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है और राजस्थान इस बदलाव का आधार स्तंभ बन गया है।

महत्वपूर्ण निर्णय

- एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024, जिसमें अक्षय ऊर्जा, बायो फ्यूल, ऊर्जा भंडारण एवं ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए प्रावधान एवं प्रोत्साहन किए गए हैं।

- रिन्यूबल एनर्जी परियोजनाओं को रिप्स-2024 के अन्तर्गत विभिन्न प्रोत्साहन एवं सुविधाएं।

- प्रदेश में वर्चुअल नेट मीटरिंग एवं ग्रुप नेट मीटरिंग को अनुमत किया गया। इसके अन्तर्गत अब वे लोग भी सौर ऊर्जा से जुड़ सकेंगे जो स्वयं की छत नहीं होने के कारण अब तक इससे वंचित थे।

- विभिन्न सौर एवं अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं तथा सोलर पार्कों के लिए 1.32 लाख हैक्टेयर भूमि का आवंटन

- राइजिंग राजस्थान निवेश समिट में एनर्जी सेक्टर में सर्वाधिक 28 लाख करोड़ का निवेश

- केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 43,238 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा एवं परम्परागत ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एमओयू।

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