चंबल योजना पर भीलवाड़ा में नेताओं के दावे बड़े-बड़े!: लेकिन पीने के पानी के लिए तरस रहे है कई कॉलोनीवासी

Update: 2025-05-14 12:45 GMT
लेकिन पीने के पानी के लिए तरस रहे है कई कॉलोनीवासी
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भीलवाड़ा (व‍िजय गढवाल) । चम्बल परियोजना को लेकर कांग्रेस और भाजपा वाही-वाही लूटने के दावे तो करती है लेकिन इस योजना के बावजूद भीलवाड़ा शहर की कई कॉलोनियों में आज भी लोगों को पर्याप्त पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। इसे लेकर कई बार लोग सड़क जाम तक कर चुके है।

कांग्रेस के पूर्व सांसद सीपी जोशी चम्बल योजना लेकर आये थे। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा के राज में भीलवाड़ा में चम्बल का पानी पहुंचा लेकिन आज भी कई निजी कॉलोनियां तो वैसे भी अब तक वंचित है लेकिन जहां चम्बल योजना पहुंची है वहां भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। जैसे जैसे तापमान बढ रहा है वैसे वैसे पानी की सप्लाई घट रही है। सांगानेरी गेट क्षेत्र के लोग पानी की समस्या को लेकर कई बार जाम लगा चुके है। यही स्थिति भवानी नगर की भी है वहां भी आक्रोशित लोग जाम लगा चुके है।

जवाहर नगर पांसल रोड के रहने वाले देवकिशन प्रजापत ने बताया कि पिछले एक माह से इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई अव्यवस्थित हो रखी है। सप्ताह में दो तीन दिन पानी सप्लाई किया जा रहा है और कई बार तो नाममात्र का पानी आता है। बिना प्रेशर के पानी आने से लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है। पीने के पानी के लिए लोगों को जुगाड़ करना पड़ रहा है और कुछ लोग कैम्पर मंगवा कर प्यास बुझा रहे है। ऐसे में लोगों में आक्रोश बढ रहा है। सरकार एक ओर तो दावा कर रही है कि पीने के पानी की कोई कमी नहीं है। शहर के नेता बड़े बड़े वादे करते है कि चम्बल के आने के बाद यह संकट दूर हो गया है लेकिन हालात नहीं सुधरे है।

नगर विकास न्यास दावे तो करती है कि उनकी कॉलोनियों में पानी, बिजली, नाली की हर सुविधा उपलब्ध होती है लेकिन पटेल नगर की बात करें तो वहां लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। कोठारी स्कूल के पीछे रहने वाले गुलाब ने बताया कि उनके इलाके में पेयजल संकट है। लोगों को पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। पटेल नगर के अन्य क्षेत्रों में भी पीने के पानी को लेकर गंभीर संकट बना हुआ है। इसके चलते क्षेत्र पार्षद ने अपने स्तर पर कई निर्माण कार्य भी रूकवाये है।

इसी तरह राजपूत कॉलोनी में भी पीने के पानी का संकट लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इसे लेकर लोगों में आक्रोश भी है। वहीं कई निजी कॉलोनियों में अभी तक पाइप लाईन भी नहीं है जिससे उन्हें हैण्डपम्प या ट्यूबवेल का सहारा लेना पड़ता है। 

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