पर्यावरण संरक्षण के नन्हे सिपाही: भीलवाड़ा के बाल संस्कार शिविर में गूंजी जागरुकता की अलख
भीलवाड़ा । पर्यावरण की रक्षा केवल वयस्कों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नन्हे हाथों से भी इसकी मजबूत नींव रखी जा सकती है। यह संदेश भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद द्वारा आयोजित विशेष बाल संस्कार शिविर में गूंजा, जहां बच्चों को पर्यावरण के मुख्य सचेतक बनने के लिए प्रेरित किया गया। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक धनेतवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बालक यदि बचपन से ही पर्यावरण की शिक्षा लें, तो वे समाज के मुख्य पर्यावरण सचेतक की भूमिका निभा सकते हैं। धनेतवाल ने आदर्श विद्या मंदिर, अंबेडकर नगर घुमंतू छात्रावास में संचालित इस शिविर का अवलोकन किया और बच्चों को कपड़े के थैले और स्टेशनरी भेंट कर पर्यावरण संरक्षण के महत्व से अवगत कराया।
'कागज़ नहीं, स्टील अपनाओ' – मोगरा का स्वास्थ्य मंत्र
शिविर में कुल्हड़ ग्रुप के पर्यावरण सेवक भूपेंद्र मोगरा ने भी बच्चों को पर्यावरण संतुलन का संदेश दिया। उन्होंने बच्चों को स्टील की गिलास भेंट करते हुए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य टिप दी: "कागज़ की गिलास में गर्म पेय लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, अतः हमें सदैव स्टील की गिलास का उपयोग करना चाहिए।" यह छोटा सा बदलाव पर्यावरण के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
राष्ट्रभक्ति, योग और सांस्कृतिक संस्कार
शिविर केवल पर्यावरण शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षक अजय अग्रवाल ने प्रतिदिन की तरह खेलों के माध्यम से बच्चों में राष्ट्रभक्ति का भाव जागृत किया, वहीं पतंजलि योग समिति के योग प्रशिक्षक दुर्गा लाल जोशी ने योग का अभ्यास कराकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाया। बच्चों को "देश हमें देता है सब कुछ..." शिविर गीत और प्रार्थनाएं भी कंठस्थ कराई गईं, जिससे उनमें भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रति सम्मान बढ़े।
जन्मदिन का भारतीय तरीका और दंत स्वास्थ्य की सीख
भारतीय संस्कृति में जन्मदिन मनाने की परंपरा को सिखाने के लिए एक अनूठी पहल की गई। क्षेत्रीय संपर्क सचिव गोविंद सोडाणी का जन्मदिन भारतीय विधि से शिविर में मनाया गया, जो बच्चों को अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त, रामस्नेही चिकित्सालय की दंत चिकित्सा इकाई ने बच्चों के दांतों की सफाई की और उन्हें नियमित सफाई के लिए प्रेरित किया, जो उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
हनुमान चालीसा का उपहार
बुद्धि और शक्ति का प्रतीक
भारत विकास परिषद की ओर से सभी बच्चों को हनुमान चालीसा भेंट की गई। उन्हें इसे कंठस्थ करने का आह्वान किया गया, क्योंकि वीर हनुमान बुद्धि एवं शक्ति के प्रतीक हैं।
शिविर को मिला व्यापक समर्थन
इस विशेष अवसर पर सुभाष शाखा अध्यक्ष पंकज लोहिया, सचिव कैलाश शर्मा, कोषाध्यक्ष सुरेश रावत, वीर शिवाजी शाखा अध्यक्ष सुभाष मोटवानी, कोषाध्यक्ष अनुराग बोहरा, तथा महिला संयोजिका श्रीमती वर्षा मित्तल एवं राजेश्वरी गोयल भी शिविर अवलोकन हेतु उपस्थित रहे। प्राकृतिक कुल्हड़ ग्रुप एवं फिट इंडिया – फिट भीलवाड़ा से जुड़े गोपीकृष्ण पाटोदिया एवं सुरेश बंब ने भी शिविर की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय प्रयास बताया।
शिविर संयोजक भेरूलाल अजमेरा ने बताया कि चौथे दिन तक शिविर में कुल 110 बच्चों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 93 बालक-बालिकाएं आज उपस्थित रहे। यह बच्चों में इस तरह के शिविरों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। यह बाल संस्कार शिविर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, राष्ट्रभक्ति और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का एक सफल प्रयास है, जो भविष्य के जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण करेगा। शिविर का समापन 15 जून को होगा इसमें गोरखनाथ मंदिर के महंत बद्रीनाथ मुख्य अतिथि होंगे। श्री गोपाल राठी, अशोक बाहेती, नंदकिशोर शर्मा, पार्षद श्याम सुंदर मल्होत्रा अतिथि होंगे।