जिला साहित्यकार परिषद् की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

By :  vijay
Update: 2025-05-19 12:24 GMT
जिला साहित्यकार परिषद् की काव्य गोष्ठी सम्पन्न
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भीलवाड़ा। स्थानीय सिन्धुनगर स्थित हेमू कालानी विद्यालय परिसर में जिला साहित्यकार परिषद् द्वारा काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर सप्तरंगी हृदय स्पर्शी सशक्त रचनाएं प्रस्तुत की गई जिसमें भारत पाक युद्ध, आॅपरेशन सिन्दूर के अलावा अन्य अनेक विषयों पर रचनायें प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाराम मेठानी ने की तथा संचालन महेन्द्र शर्मा ने किया।

काव्य गोष्ठी सरस्वती वंदना से आरंभ हुई। गोष्ठी में कई कवियों की रचनाओं पर हाल ही में हुए भारत पाक युद्ध व आपरेशन सिन्दूर का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभाव भी स्पष्ट दिखाई दिया। कवि ओम उज्ज्वल ने इसी संदर्भ में कहा ‘‘टकराव नहीं चाहते पर चुप कैसे रह सकते है’’, गोपाल शर्मा ने जिन्दगी की बात करते हुए कहा ‘‘जीवन के उपवन में कभी वीराना भी आता है’’, श्रीमती ऋतु चतुर्वेदी ने ‘‘मिलेगा वहीं जो कर्म किया है, गीता में कृष्ण ने ये मर्म दिया है’’, अवधेश कुमार जौहरी ने ‘‘हिन्दी की नहीं, उर्दू की नहीं ये मेरी गज़ल है’’, जयप्रकाश भाटिया ने महाराणा प्रताप पर अत्यंत ही ओज भरी कविता में महाराणा प्रताप व अरावली पर्वत के वार्तालाप को कविता में प्रस्तुत किया, राजेन्द्र गोपाल व्यास ने कहा ‘‘ मैं क्या लिख सकता हूँ मेरी क्या औकात है, जो कुछ लिखता हूँ प्यारी उसकी सौगात है’’, महेन्द्र शर्मा ने ‘‘ काल चक्र के कितने अश्व बदलते हांेगे’’, बृजसुन्दर सोनी ने ‘‘मेरे सूने आंगन में फूल खिला दे, बचपन वाली लोरी गाकर माँ मुझको सुला दे’’, दयाराम मेठानी ने ‘‘ अन्दर में रोता हूँ बाहर से मुस्कराता हूँ, जीवन जीने की मैं ऐसे रीत निभाता हूँ ‘‘ सुना कर वाहवाही बटोरी।

गोष्ठी में शिखा बाहेती, अभिलाषा जोशी, बंशीलाल पारस, रतनकुमार चटुल, रविन्द्र जैन, अजीज जख्मी, योगेन्द्र कुमार सक्सेना, श्याम सुन्दर तिवारी, मनोहरलाल कुमावत, चिरंजीलाल टांक व देवीलाल दुलारा ने अपनी रचना प्रस्तुत कर तालियां बटोरी।

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