सांखड़ा ग्राम पंचायत के प्रशासक गोपाल गुर्जर अनियमितताओं के चलते पद से मुक्त

Update: 2025-06-11 06:43 GMT
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भीलवाड़ा । जिले के कोटड़ी पंचायत समिति की सांखड़ा ग्राम पंचायत में प्रशासक के पद पर तैनात गोपाल गुर्जर को आखिरकार पद से हटा दिया गया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने यह फैसला लिया, जिसके तहत उन पर लगे कई गंभीर आरोपों को सही पाया गया। अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।

दरअसल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रभानसिंह ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें सांखड़ा ग्राम पंचायत में कई गड़बड़ियां उजागर हुईं। रिपोर्ट में बताया गया कि मिट्टी और ग्रेवल के काम में मस्टरोल में हेरफेर किया गया, लेखा नियमों को ताक पर रखकर बिना भुगतान आदेश के श्रमिकों को नकद भुगतान किया गया। इतना ही नहीं, ग्रेवल और मिट्टी के काम में एक ठेकेदार को सामग्री आपूर्ति के साथ-साथ श्रम मद में भी 3.2 लाख रुपये का भुगतान करने में नियमों का उल्लंघन किया गया।

इन गंभीर आरोपों के अलावा, यह भी पाया गया कि प्रशासक गोपाल गुर्जर ने पंचायतीराज अधिनियम का पालन नहीं किया और स्थाई एजेंडा की अनदेखी की। साथ ही, पंचायतीराज नियमों के तहत पट्टे जारी करने में भी अनियमितताएं बरती गईं। इन सभी आरोपों को सही पाए जाने के बाद सरकार ने गोपाल गुर्जर को सांखड़ा के प्रशासक पद से हटाने का फैसला लिया।

गौरतलब है कि सरपंच गोपाल गुर्जर को जिला कलक्टर ने 24 जनवरी 2025 को ही प्रशासक के पद पर नियुक्त किया था। लेकिन, इतने कम समय में ही उन पर इतने गंभीर आरोप लगने और उनके सही साबित होने से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है और सांखड़ा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कदम उठाती है।

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