थांग-ता मणिपुरी मार्शल आर्ट आत्मरक्षा का साधन- सिंह

By :  vijay
Update: 2024-09-24 12:19 GMT

 भीलवाड़ा  स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किये जा रहे वर्कशॉप ड्रेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन आज मणिपुरी नृत्यांगना ककंणा सिंह की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 07.30 बजे रा.बा.उ.मा.वि. सुवाणा  भीलवाड़ा  एवं द्वितीय प्रस्तुति प्रातः 09.00 बजे रा.उ.प्रा.वि. ईरास में हुई।

जानकारी देते हुए नेशनल एक्ज्युकेटिव कैलाश पालिया ने बताया कि ककंणा सिंह ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत लास्य नृत्य से करते हुये राधा रानी के स्वरूप का वर्णन किया। उसके बाद मणिपुरी नृत्य में प्रयुक्त पाद संचालन का ज्ञान कराते हुये छात्र-छात्राओं को मंचपर बुलाकर सिखाया। उसके बाद मणिपुरीने होने वाले ’’नटराज नृत्य’’ जो पुरूषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य होता है। उसमें ’’नन्नी चुरी’’ कृष्ण की माखन चोरी में बाल कृष्ण की लीलाओं का जीवन्त प्रदर्शन किया। उसके बाद मणिपुरी नृत्य में मुख्य (थांग-ता) यानी तलवारे और भाला मार्शल आर्ट के माध्यम से तलवार बाजी का प्रदर्शन करते हुये कहा कि आज के युग में हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुये छात्राआंे को आत्मरक्षा का संदेश दिया।  

कार्यक्रम कोर्डिनेटर अन्नु प्रजापत के अनुसार कल ककंणा सिंह की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 07.30 बजे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल चन्द्रशेखर आजादनगर एवं द्वितीय प्रस्तुति प्रातः 09.30 बजे रा.उ.मा.वि. ठगों का खेड़ा में होगी।

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