बड़ा महुआ में रस्साकशी का रोमांच: डॉ. शंकरलाल माली बोले- खेलो से बढ़ता है आपसी भाईचारा

Update: 2025-12-23 10:48 GMT

​भीलवाड़ा । सुवाणा पंचायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों के बीच आयोजित 'भगवान श्री बलराम पुरुष रस्साकशी प्रतियोगिता' पूरे परवान पर है। इसी कड़ी में बड़ा महुआ पंचायत में आयोजित प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए क्षेत्र के दिग्गज जुटे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत कार्यवाह डॉ. शंकर लाल माली ने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की।

​नशा मुक्ति और खेल भावना का संदेश

​डॉ. माली ने मैदान पर खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि 'नशा मुक्त भारत' के संकल्प को खेल ही चरितार्थ कर सकते हैं। रस्साकशी जैसा पारंपरिक खेल न केवल शारीरिक बल, बल्कि टीम भावना और एकाग्रता का भी प्रतीक है। कार्यक्रम में अतिथि राधेश्याम सिसोदिया, ओम आचार्य, भेरूलाल गाडरी, निरंजन विजयवर्गीय और पप्पू सिसोदिया ने भी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उनका मनोबल बढ़ाया।

​मैदान पर जोर-आजमाइश, 1 लाख के इनाम पर नजर

​आयोजक रामपाल चौधरी (पांसल) के नेतृत्व में चल रही इस प्रतियोगिता में सुवाणा क्षेत्र की दर्जनों टीमें अपना दम दिखा रही हैं। बड़ा महुआ पंचायत में हुए मुकाबलों के दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी। *फ़ाइनल मुक़ाबला रणजीत नगर और बलराम सेना के बीच हुआ जिसमे रणजीत नगर विजेता रही।* विजेता बनने वाली टीम को 1 लाख रुपये की भारी-भरकम राशि इनाम में मिलेगी, जबकि उपविजेता के लिए 51 हजार और तीसरे स्थान के लिए 21 हजार रुपये का पुरस्कार रखा गया है।

​व्यवस्थाओं में जुटे उपसरपंच सहित कार्यकर्ता

​इस दौरान उप सरपंच मोती लाल जाट, विकास जाट, राघवेंद्र, महावीर तेली सहित जगदीश गुर्जर, सांवर, शंकर लाल, सोहन लाल, मदन लाल और शिवराज जाट ने व्यवस्थाएं संभालीं। प्रतियोगिता के समन्वय के लिए नितेश मेघवंशी, अजयसिंह और लक्की सुवालका लगातार मैदान पर डटे हुए हैं। आयोजकों ने बताया कि पंचायत स्तर पर क्वालीफाई करने वाली टीमों को विशेष ड्रेस किट भी वितरित की जा रही है। प्रतियोगिता का ​प्रमुख आकर्षण जिसमें ​लक्ष्य देशभक्त युवा और नशा मुक्त भारत का निर्माण है। ​बड़ी चुनौती एक पंचायत से ज्यादा टीमें होने पर कड़ी क्वालीफाइंग राउंड की प्रक्रिया है। हमीरगढ़, पांसल, सुवाणा और सिदरियास जैसी बड़ी टीमों के बीच कड़ा संघर्ष जारी है।

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