धातु शेयरों में भारी बिकवाली, कमजोर वैश्विक कारकों और विदेशी कोषों की निकासी के चलते शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट हुई। इसके अलावा शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे बढ़कर 84.86 पर पहुंचा।धातु शेयरों, विदेशी फंडों की निकासी और कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में बड़ी गिरावट दिखी। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1100 अंकों तक फिसला। वहीं दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी 24250 से नीचे आ गया। सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर सेंसेक्स 984.26 (1.21%) अंक गिरकर 80,352.14 पर पहुंच गया। निफ्टी 301.00 (1.23%) अंक टूटकर 24,247.70 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
सेंसेक्स की 30 शेयरों वाली प्रमुख कंपनियों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टूब्रो, भारतीय स्टेट बैंक तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। भारती एयरटेल, नेस्ले, अदाणी पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर को लाभ हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,560.01 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई और यह मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी के कारण रिजर्व बैंक के आरामदायक स्तर पर आ गई, जिससे फरवरी में नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में केंद्रीय बैंक की दर निर्धारण समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 5.55 प्रतिशत थी। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर अक्तूबर 2024 में सालाना आधार पर धीमी होकर 3.5 प्रतिशत रह गई, जिसका मुख्य कारण खनन, बिजली और विनिर्माण का खराब प्रदर्शन है।
जानकारों के अनुसार, "निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। उतार-चढ़ाव की वजह एफआईआई द्वारा फिर से बिकवाली है, जिन्होंने कल 3,560 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। भारत में ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए, एफआईआई द्वारा बाजार में हर तेजी के साथ और अधिक बिकवाली किए जाने की संभावना है।"
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "बाजार को समर्थन देने वाली चीज मुद्रास्फीति में गिरावट है।" एशियाई बाजारों में, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई, जबकि सियोल में तेजी दर्ज की गई।
वॉल स्ट्रीट गुरुवार को नकारात्मक क्षेत्र में बंद हुआ। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "फेडरल रिजर्व द्वारा 18 दिसंबर को ब्याज दर पर लिए जाने वाले निर्णय से बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है। एफआईआई ने भारी बिकवाली की, जिससे बाजार की धारणा और खराब हो गई।"
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत गिरकर 73.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 236.18 अंक या 0.29 प्रतिशत गिरकर 81,289.96 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 93.10 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरकर 24,548.70 अंक पर बंद हुआ था।
सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल
निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर
रुपया सर्वकालिक निचले स्तर से उबरा
महंगाई के अनुकूल आंकड़ों के चलते शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबरने में कामयाब रहा। इस दौरान स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे बढ़कर 84.83 के स्तर पर पहुंच गई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 84.85 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 84.83 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की बढ़त दर्शाता है। इससे पहले रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले पांच पैसे गिरकर 84.88 के निचले स्तर पर बंद हुआ। रुपये का पिछला रिकॉर्ड निचला स्तर नौ दिसंबर को दर्ज किया गया था, जब यह 84.86 पर बंद हुआ था।
