थोक महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर पर; नवंबर में 2.36% से घटकर 1.89% हुई, ये है कारण
नवंबर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 1.89 प्रतिशत पर आ गई। आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतें कम होने से थोक महंगाई दर में नरमी आई है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों और प्याज की कीमतों में भारी गिरावट के कारण भारत की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गई, यह अक्तूबर में 2.36 प्रतिशत थी।
पिछले वर्ष नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.39 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों के दाम कम होने से नवंबर महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के कम होने में मदद मिली।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 8.63 प्रतिशत रह गई, जबकि अक्तूबर में यह 13.54 प्रतिशत थी। सब्जियों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण मुद्रास्फीति 28.57 प्रतिशत रही, जबकि अक्तूबर में यह 63.04 प्रतिशत थी।
हालांकि, आलू की बात करें तो मुद्रास्फीति 82.79 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की मुद्रास्फीति नवंबर में तीव्र गिरावट के साथ 2.85 प्रतिशत पर आ गई।
ईंधन और बिजली श्रेणी में नवंबर में 5.83 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अक्तूबर में इस श्रेणी में 5.79 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई थी। विनिर्मित वस्तुओं के मामले में में नवंबर में मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत रही, जबकि अक्तूबर में यह 1.50 प्रतिशत थी।