रेलवे ने कबाड़ बेचकर कमा लिए इतने करोड़ रुपए, अब यात्रियों की इन सुविधाओं पर खर्च करने की है तैयारी

By :  vijay
Update: 2025-04-05 14:24 GMT
रेलवे ने कबाड़ बेचकर कमा लिए इतने करोड़ रुपए, अब यात्रियों की इन सुविधाओं पर खर्च करने की है तैयारी
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भारतीय रेलवे के उत्तर रेलवे जोन ने वित्त वर्ष 2024-25 में कबाड़ बेचकर 781.07 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक कमाई की है। जो भारतीय रेलवे के सभी जोनो व उत्पादन इकाइयों में सबसे अधिक है। उत्तर रेलवे ने कबाड़ से आई इस रकम को यात्रियों को सुविधा व सुरक्षा के क्षेत्र में भी लगाने की तैयारी कर रहा है।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा के मुताबिक, यह स्क्रैप निपटान एक मिशन की तरह चलाया गया है। जिसका उद्देश्य केवल कमाई करना नहीं था, बल्कि रेलवे परिसरों को स्वच्छ, सुव्यवस्थित व सुरक्षित बनाना भी था। अब इस कमाई का उपयोग स्टेशन सुविधाओं के विस्तार, यात्री प्रतीक्षालयों के आधुनिकीकरण, नए प्लेटफॉर्म निर्माण, बेहतर लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए किया जाएगा।

स्क्रैप निपटान के क्षेत्र में एक और रिकॉर्ड

वर्मा ने बताया कि, उत्तर रेलवे वित्त वर्ष 2024-25 में 781.07 करोड़ रुपये मूल्य के स्क्रैप का निपटान करके भारतीय रेलवे के सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों के बीच स्क्रैप बिक्री में नंबर 1 पर रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की ई-नीलामी समाप्त होने के साथ ही उत्तर रेलवे ने मार्च 2025 तक कुल 781.07 करोड़ रुपए की बिक्री दर्ज की, जो अब तक की सबसे अधिक बिक्री है।इसके साथ ही उत्तर रेलवे ने स्क्रैप निपटान के क्षेत्र में एक और रिकॉर्ड कायम किया है। उत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड के वार्षिक बिक्री लक्ष्य 530 करोड़ रुपए के मुकाबले 781.07 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया, जो लक्ष्य का 147.36 प्रतिशत है।

कैसे स्क्रैप निपटान से सुधरेगी सुरक्षा व्यवस्था

स्टेशनों व रेल लाइनों के आसपास फैले स्क्रैप की सफाई से ट्रेनों की आवाजाही पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गई है। पुराने रेल टुकड़े, स्लीपर और टाई बार जैसे स्क्रैप अक्सर हादसों का कारण बनते थे।

छोटी जगहों पर रखे अनुपयोगी ढांचे जैसे स्टाफ क्वार्टर, केबिन, शेड आदि को हटाकर अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं के लिए जगह खाली की गई है। इससे भीड़भाड़ कम होगी व यात्री अनुभव बेहतर होगा।

स्क्रैप बिक्री से मिली आय से रेलवे बेहतर वेटिंग एरिया, स्वच्छ शौचालय, पीने के पानी की सुविधाएं, ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन व आधुनिक सुरक्षा उपकरण लगवा पाएगा।

सीसीटीवी, बायो-टॉयलेट्स व एलिवेटेड वॉकवे जैसी परियोजनाएं अब तेजी से पूरी की जा सकेंगी।

उत्पादन इकाइयों में प्रथम स्थान पर है उत्तर रेलवे

उत्तर रेलवे ने भारतीय रेलवे के सभी मण्डल रेलों और उत्पादन इकाइयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस वर्ष उत्तर रेलवे ही एकमात्र रेलवे है, जिसने 700 करोड़ रुपए की स्क्रैप बिक्री का आंकड़ा पार किया है। यह लगातार चौथा वर्ष है जब उत्तर रेलवे ने 600 करोड़ रुपए से अधिक की कुल बिक्री दर्ज की है।

लगातार 4 वर्षों से सभी मण्डल रेलवे और उत्पादन इकाइयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस प्रक्रिया में उत्तर रेलवे ने 8 स्थानों से 592 ई-नीलामी के माध्यम से 3244 लॉट बेचे हैं। स्क्रैप निपटान एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, यह न केवल राजस्व उत्पन्न करता है, बल्कि कार्यस्थल को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखने में भी सहायक होता है। रेलवे लाइनों के आसपास पड़े स्क्रैप जिसमें रेल टुकड़े, स्लीपर, टाई बार आदि शामिल है इस प्रकार के स्क्रैप संभावित सुरक्षा जोखिम बन सकते है।

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