
सोमवार को सेंसेक्स 2,226.79 अंक गिरकर 73,137.90 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 742.85 अंक गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ। आइए जानें शेयर बाजार का विस्तृत हाल।वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता और अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिखी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा और सेंसेक्स व निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। इस दौरान 30 शेयरों के बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स में 2,226.79 अंकों की गिरावट आई। यह बीते10 महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
निवेशकों को एक ही दिन में 14 लाख करोड़ रुपये का लगा चूना
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत टूटकर 73,137.90 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार तीसरा दिन है जब इसमें गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान सूचकांक 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत गिरकर 22,161.60 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में बेंचमार्क 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 पर बंद हुआ। इक्विटी बाजार में में मंदी के रुख के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक ही दिन में 14,09,225.71 करोड़ रुपये की तेज गिरावट के साथ 3,89,25,660.75 करोड़ रुपये (4.54 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) रह गया। भारत बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला इंडिया VIX 65.70% चढ़कर 22.79 अंकों पर पहुंच गया।बाजार में बढ़े भय के कारण इंडिया VIX में पहली बार एक दिन में इतना तेज उछाला।
हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर कमजोर पड़े
हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 7.33 फीसदी की गिरावट आई, जबकि लार्सन एंड टूब्रो में 5.78 फीसदी की गिरावट आई। टाटा मोटर्स, कोटक महिन्द्रा बैंक, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचडीएफसी बैंक अन्य बड़े पिछड़े हुए शेयर रहे। हिंदुस्तान यूनिलीवर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार अमेरिका के जवाबी टैरिफ के बाद मचे बवाल और अन्य देशों की ओर से 'जैसे को तैसा' जैसी प्रतिक्रिया देने से व्यापार युद्ध छिड़ सकता है। यही कारण है कि बाजार में सोमवार को भारी बिकवाली देखी गई। आईटी और मेटल सेक्टर के शेयरों ने व्यापक बाजार की तुलना में काफी कमजोर प्रदर्शन किया क्योंकि बढ़ती महंगाई और धीमी वृद्धि की जोखिम के कारण अमेरिका में संभावित मंदी आ सकती है।"
बीएसई के 3,515 शेयर कमजोर हुए, 570 शेयरों में तेजी
बीएसई पर 3,515 शेयरों में गिरावट आई, 570 में तेजी आई और 140 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि बीएसई पर 775 शेयर अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए, जबकि 59 कंपनियां 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रशांत तापसे ने कहा, "कच्चे तेल और कई धातुओं की कीमतों में पहले से ही गिरावट देखी जा रही है, जो इस बात का संकेत है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहा तो मांग में कमी आएगी।"
एशिया के दूसरे बाजारों का हाल और खराब, यूरोप भी बिकवाली के दबाव में
एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक 13 प्रतिशत से अधिक गिर गया, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 8 प्रतिशत गिर गया, शंघाई एसएसई कम्पोजिट सूचकांक 7 प्रतिशत से अधिक गिर गया और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत से अधिक गिर गया। यूरोपीय बाजार भी भारी बिकवाली दबाव में आ गए और 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी 500 में 5.97 प्रतिशत, नैस्डैक कंपोजिट में 5.82 प्रतिशत और डॉव में 5.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
पिछले साल के 4 जून के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट
पिछले साल 4 जून को सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 72,079.05 पर बंद हुआ था। दिन के कारोबार में यह 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत गिरकर 70,234.43 पर आ गया था। निफ्टी 4 जून 2024 को 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 21,884.50 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 1,982.45 अंक या 8.52 प्रतिशत गिरकर 21,281.45 पर आ गया। इससे पहले सेंसेक्स और निफ्टी में 23 मार्च 2020 को 13 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी, जब कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था।