मंगलवार को भी शेयर बाजार में 'अमंगल'; सेंसेक्स नौ महीने के निचले स्तर पर, IT शेयर 1% टूटे

By :  vijay
Update: 2025-03-04 08:26 GMT

मंगलवार को भी शेयर बाजार में 'अमंगल' का माहौल है। प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक फिसलते नजर आ रहे हैं। इस दौरान आईटी शेयर 1% तक टूट गए हैं। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 347.07 अंक गिरकर 72,738.87 पर और निफ्टी 109.85 अंक गिरकर 22,009.45 पर कारोबार करता दिखा। मंगलवार के कारोबार सत्र में सेंसेक्स अपने नौ महीने (04 जून 2024) के बाद अपने निचले स्तर पर पहुंच गया।

मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी क्षेत्र शेयरों पर दबाव दिखा। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से उनकी प्रस्तावित टैरिफ योजना पर आगे बढ़ने की पुष्टि के बाद एशियाई बाजारों में गिरावट दिखी। इसका असर भारतीय शेयरों पर भी पड़ा।

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर कौन-कौन रहे?

भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, जोमैटो, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में बढ़त दिखी। सेंसेक्स पर कमजोर होने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, टाइटन, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व और सन फार्मास्यूटिकल्स के शेयर शामिल रहे। भा

एशियाई बाजारों में, टोक्यो और हांगकांग में गिरावट देखी गई, जबकि शंघाई और सियोल में स्थिरता रही। सोमवार को अमेरिकी बाजार रात भर के सौदों में गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.63 प्रतिशत गिरकर 71.17 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 4,788.29 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची।

रुपया डॉलर के मुकाबले आठ पैसे कमजोर हुआ

विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और मौजूदा तरलता घाटे के कारण मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ पैसे गिरकर 87.40 पर आ गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के कारण जारी अनिश्चितता ने वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है। इसके अलावा, टैरिफ अराजकता ने अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में अस्थिरता और अनिश्चितता पैदा कर दी है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 87.38 पर खुला और फिर गिरकर 87.40 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से 8 पैसे की गिरावट दर्शाता है। सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे की बढ़त के साथ 87.32 पर बंद हुआ।

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक व्यापार में बढ़ा तनाव

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 106.61 पर था। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच आई है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71.17 डॉलर प्रति बैरल पर बोला गया।

घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 175.61 अंक या 0.24 प्रतिशत गिरकर 72,910.33 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 61.55 अंक या 0.28 प्रतिशत गिरकर 22,057.75 पर था।

टैरिफ पर ट्रंप किसी रियायत के मूड में नहीं, अमेरिकी सूचकांक भी टूटे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज, 4 मार्च को टैरिफ लागू करने का फैसला किया है और वे इस पर कोई रियायत देने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कल कहा कि इसी तारीख से मेक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा। लेकिन ट्रंप के इस कड़े रुख से अमेरिकी बाजारों में हड़कंप मच गया।

कल 1100 अंकों की भारी उठापटक के बीच डाओ 650 अंक गिरकर डेढ़ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक 500 अंक टूटकर 4 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। S&P 500 में ढाई महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसका असर सुबह एशियाई बाजारों में भी देखा गया। GIFT निफ्टी 163 अंक फिसलकर 22096 के पास चल रहा था। डाओ फ्यूचर्स 50 अंक ऊपर था। निक्केई 600 अंक गिरा था।

बाजार में गिरावट पर जानकारों की क्या है राय?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "अगर चीनी सरकार की नई पहलों को एफआईआई से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो इसका मतलब है कि भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ेगा और हैंग सेंग एक्सचेंज के जरिए चीनी शेयरों में और अधिक पैसा आएगा।" हालांकि जानकारों का मानना है कि भारतीय शेयरों, विशेष रूप से मिड और स्मॉल-कैप के उच्च मूल्यांकन के कारण एफआईआई भले ही बिकवाली करें लेकिन, हालांकि, अच्छी बात यह है कि भारत में लार्ज-कैप का उचित मूल्यांकन है, जो इस सेगमेंट में खरीदारी को आगे भी आकर्षित करना जारी रख सकता है।

कब लौट सकती है बाजार में खरीदारी?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "जीडीपी के ताजा आंकड़े संकेत देते हैं कि भारत में आर्थिक वृद्धि फिर से बढ़ रही है। अगर कॉरपोरेट आय भी इसी तरह बढ़ती है तो बाजार में उछाल आएगा और एफआईआई के एक बार फिर खरीदार बनने सकते हैं।" कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अमोल अठावले ने कहा कि अल्पकालिक कारोबारियों के लिए निफ्टी और सेंसेक्स के लिए क्रमश: 22,200 और 73,500 महत्वपूर्ण स्तर होंगे।

Similar News