राजस्थान, सूरत व महाराष्ट्र में खपाते थे भोपाल में बनी एमडी ड्रग ,हरीश आंजना मुख्य फाइनेंसर

Update: 2024-10-08 17:59 GMT

होम भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा की फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स की तीन खेप ही तैयार हुई थीं। ड्रग्स को आर्थर रोड जेल मुंबई में बंद सूरत (गुजरात) के एक सरगना के माध्यम से सूरत के अलावा अन्य लोगों के माध्यम से राजस्थान के प्रतापगढ़ और महाराष्ट्र में खपाया गया था।

भोपाल से गिरफ्तार नासिक के सान्याल बाने का भी महाराष्ट्र में नेटवर्क था, जिसके माध्यम से ड्रग्स बेची गईं। सान्याल पहले भी ड्रग्स बेचते हुए पकड़ा गया था। उस मामले में पांच साल की सजा हुई थी। इसी तरह राजस्थान में पहले से बने ड्रग्स सप्लाई नेटवर्क का उपयोग आरोपित कर रहे थे।

अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचने के लिए आरोपित ड्रग्स को प्रदेश के बजाय अन्य राज्यों में भेजा करते थे। आरोपितों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि भोपाल में एमडी ड्रग्स बनाने का सेटअप लगाने में लगभग 50 लाख रुपये खर्च हुए होंगे। इसमें मुख्य फाइनेंसर मंदसौर का रहने वाला हरीश आंजना बताया जा रहा है। वह भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की हिरासत में है। मशीनरी, कच्चा माल व अन्य संसाधनों की खरीदी में अधिकांश राशि उसी ने लगाई थी। भोपाल पुलिस यह पता कर रही है और किसने कितनी पूंजी लगाई थी। तीनों आरोपियों के अतिरिक्त कोई और तो नहीं है, जिसने पर्दे के पीछे इस काम में पूंजी लगाई हो।

907 किलो एमडी ड्रग्स किया गया था बरामद

हरीश ने पूछताछ में यह भी बताया है कि एमडी ड्रग्स बनाने के लिए मशीनें महाराष्ट्र से खरीदी थीं। बता दें, शनिवार को गुजरात एटीएस और एनसीबी ने संयुक्त कार्रवाई कर यह फैक्ट्री पकड़ी थी। 907 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की गई थी।

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