कस्टोडियन भूमियों को लेकर डीडवाना में महापड़ाव सोलहवें दिन भी जारी

Update: 2025-11-26 06:48 GMT

डीडवाना । जिला मुख्यालय पर कस्टोडियन भूमियों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर चल रहा महापड़ाव आज सोलहवें दिन भी जारी रहा। डीडवाना क्षेत्र की कस्टोडियन जमीनों को वर्ष 2009 में सरकार द्वारा सिवाय चक घोषित किया गया था। इसके बाद नवगठित जिले के सरकारी कार्यालयों हेतु जिला प्रशासन ने तीन से चार विभागों के लिए इन जमीनों का आवंटन कर दिया। इसी को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा, कांग्रेस और आरएलपी संयुक्त रूप से एक बैनर के नीचे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि कस्टोडियन जमीनों को सिवाय चक से हटाया जाए और इन्हें किसानों को आवंटित किया जाए।

इसी बीच जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत ने कस्टोडियन भूमियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार वर्ष 2009 में जिले की सभी कस्टोडियन भूमि को सिवाय चक घोषित कर दिया गया था, जिसके आदेश सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। इसके बाद वर्ष 2011 में इन्हें राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। अब यह भूमि पूरी तरह से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है और इसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि इन भूमियों पर किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार केवल राजस्व व‍िभाग के पास है।

डॉ. खड़गावत ने यह भी स्पष्ट किया कि आज तक किसी भी व्यक्ति ने दस्तावेज़ों के साथ यह दावा प्रस्तुत नहीं किया है कि संबंधित कस्टोडियन भूमि उनकी निजी मिल्कियत है। उन्होंने कहा कि यह भूमि किसी एक समाज या समुदाय की नहीं, बल्कि विभिन्न समाजों से संबंधित लोगों की है।

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