सुबह-शाम खेल के मैदान में उतरेंगे सीआरपीएफ अधिकारी; बंक न मारें, इसलिए होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' के अधिकारियों को अब ड्यूटी के अलावा खेल के मैदान में भी उतरना पड़ेगा। जहां कहीं भी 50 या उससे अधिक की नफरी है, वहां पर अधिकारियों को किन्हीं दो खेलों में भाग लेना होगा। सीआरपीएफ मुख्यालय, अधिकारियों की खेल से जुड़ी गतिविधियों पर बराबर नजर रखेगा। कितने अधिकारी मैदान में उतरे हैं, कौन सा गेम कर रहे हैं, सुबह और शाम मैदान में बराबर आ रहे हैं या नहीं, इन सबकी वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। फोटो भी खींचे जाएंगे।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अक्तूबर को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अफसरों की एक बैठक में खेलों को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। इसके पीछे गृह मंत्री की यह सोच रही है कि खेल गतिविधियों से अफसर व जवान, सभी लोग फिट रहेंगे। उन्हीं में से कोई अधिकारी या जवान, किसी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक भी पहुंच सकता है। इसके बाद बल निदेशालय ने अपने सभी सेक्टरों, रेंज, ग्रुप सेंटर, बटालियन व कंपनी स्तर पर यह संदेश पहुंचा दिया कि अधिकारियों को रोजाना खेलों में भाग लेना होगा। हालांकि बल की सभी यूनिट/इकाई में 50 से ज्यादा अधिकारी/जवान रहते हैं, ऐसे में वहां दो खेलों में उनकी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। सेक्टर स्तर पर उक्त दोनों खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। संबंधित अफसर, खेल गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
सीआरपीएफ के सभी अफसर, खेलों में भाग ले रहे हैं या नहीं, इसके लिए भी एक मेकेनिज्म तैयार किया गया है। मॉर्निंग मार्कर/पीटी और शाम को स्पोर्ट एक्टिीविटी में अधिकारियों को अनिवार्य तौर पर भाग लेना होगा। उक्त समय पर अफसर, खेलों में हिस्सा ले रहे हैं, इसके लिए उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी। फोटो भी खिंचेंगे। सभी वीडियो और फोटो, 8 नवंबर तक बल के आईटी निदेशालय और ट्रेनिंग निदेशालय को भेजने होंगे।
वहां से इन्हें सीआरपीएफ की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। अधिक आयु वालों के लिए अलग से खेल प्रतियोगिता आयोजित होगी। उनकी आयु के हिसाब से खेलों का चयन किया जाएगा। सभी खेल प्रतियोगिताएं, ग्राउंड लेवल पर हो रही हैं, इसके लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार होगी।