अब दाल के शौकीन न करे चिंता, सरकार कर ही पर्याप्त स्टॉक का इंतजाम, ऐसे कंट्रोल में होंगे दाम
देश में दाल के शौकीन इस बात की चिंता न करे कि उन्हें कम स्टॉक होने की दिक्कत का सामना करना पडेगा। सरकार ने इसके लिए पर्याप्त इंतजाम करने जा रही है। केंद्र सरकार दालों की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और रिटेल कीमतों को कंट्रोल करने के लिए अहम कदम उठाने जा रही है।
दालों के आयात को और बढ़ाने पर विचार
दरअसल, केंद्र सरकार ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील से दालों के आयात को और बढ़ाने पर विचार कर रही है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय इन दोनों देशों के साथ दालों के व्यापार को बेहतर बनाने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। हाल के वर्षों में ब्राजील उड़द आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। इस देश में भारत के उड़द और तुअर आयात का एक प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता है। ब्राजील से उड़द आयात की मात्रा वर्ष 2023 में 4,102 मीट्रिक टन से बढ़कर 2024 में अक्टूबर के अंत तक 22,000 मीट्रिक टन से अधिक हो गई है।
दालों का कारोबार विशेष रूप से लाभदायक
भारत का ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ दालों का कारोबार विशेष रूप से लाभदायक रहा है। क्योंकि भारत के मुकाबले वहां फसल के मौसम में अंतर होता है। इससे इन देशों को भारत की फसल संभावना के आधार पर अपने फसल पैटर्न की योजना बनाने में मदद मिलती है। उदाहरण के तौर पर जब चने के मामले में भारत ने वर्ष 2024 में कम रबी उत्पादन के बाद मई, 2024 में चने से आयात शुल्क हटा दिया था तो ऑस्ट्रेलिया ने बुवाई के क्षेत्र में भारी वृद्धि कर दी। वर्ष 2023 में 4.9 लाख टन चना उत्पादन के मुकाबले चालू वर्ष में ऑस्ट्रेलिया में चना का लगभग 13.3 लाख टन पैदावार होने का अनुमान है। जिसे मुख्य रूप से भारत को निर्यात किया जाएगा। अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से ऑस्ट्रेलिया से चने की नई फसल की आवक ने घरेलू उपलब्धता को बढ़ाया है और प्राथमिक बाजारों में कीमतों को कम करने में मदद की है।
दिल्ली में हुई ब्राजील और भारत के अधिकारियों की बैठक
ब्राजील उड़द दालों की सप्लाई कर रहा है। ऐसे में सरकार को लगता है कि दक्षिण अमेरिकी देश संभावित रूप से भारत के उड़द और तुअर आयात का एक प्रमुख स्रोत बन सकता है। गुरुवार को ही ब्राजील के कृषि और पशुधन मंत्रालय के वाणिज्य और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के उप सचिव जूलियो सीजर रामोस ने नई दिल्ली में भारत की उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे से मुलाकात की थी। दोनों अधिकारियों ने दालों में द्विपक्षीय व्यापार के विकास के आगे के तौर-तरीकों पर चर्चा की थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में दालों का आयात काफी बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में 4.7 मिलियन टन दाल आयात की गई है। भारत में वर्तमान दालों की अनुमानित सालाना खपत लगभग 27 मिलियन टन है। जबकि भारत मोजाम्बिक, तंजानिया, मलावी और म्यांमार से मुख्य तौर पर अरहर और कनाडा, रूस, ऑस्ट्रेलिया और तुर्की से मसूर आयात करता है।