क्या दिल्ली में भी चलेगा 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा, दिल्ली सुनेगी पीएम के मन की बात?

By :  vijay
Update: 2024-11-24 17:18 GMT

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं। जीत से उत्साहित भाजपा नेता अभी से 'महाराष्ट्र तो झांकी है, दिल्ली जीतना बाकी है' के नारे लगाने लगे हैं। दिल्ली भाजपा ने महाराष्ट्र चुनाव का परिणाम आने के साथ ही दिल्ली में 'परिवर्तन यात्रा' करने की घोषणा कर दी है। लेकिन क्या भाजपा दिल्ली में जीत हासिल कर सकती है। वह किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी? 'बंटोगे तो कटोगे' का नारा जिस तरह हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक भाजपा के लिए रामबाण साबित हुआ है, क्या वह दिल्ली में भी चलेगा?

दिल्ली भाजपा कथित शराब घोटाले और मुख्यमंत्री आवास में हुए भारी-भरकम खर्च के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को घेरने की तैयारी कर रही है। परिवर्तन यात्रा में भाजपा के दिग्गज नेता इन्हीं मुद्दों पर जनता का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे। लेकिन अभी से यह स्पष्ट है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी 'बंटोगे तो कटोगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा गूंजने जा रहा है।


तनावपूर्ण माहौल में भी भाजपा को नहीं मिली सफलता

दिल्ली का पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में दिल्ली का माहौल काफी तनावपूर्ण था। शाहीन बाग से लेकर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन तक सड़कों पर मुसलमान समुदाय के लोगों की भीड़ सीएए-एनआरसी कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में धरना दे रही थी। कुछ नेताओं के आपत्तिजनक बयानों ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था। इससे राजधानी दिल्ली का माहौल सांप्रदायिक हो चला था। लेकिन इन परिस्थितियों में हुए चुनाव में भी भाजपा को दिल्ली में बड़ी सफलता नहीं मिली।

बीजेपी के लिए यहां कठिनाई

भाजपा के लिए दिल्ली में सबसे कठिन बात यह है कि दिल्ली की लगभग 22 सीटें ऐसी मानी जाती हैं जो एक संप्रदाय विशेष के प्रभाव वाली हैं। इन सीटों पर जीत किसकी होगी, यह मुसलमान मतदाता तय करते हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस तरह यूपी की मुसलमान बहुल सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है, उससे यह बात समाप्त हो जानी चाहिए कि भाजपा उम्मीदवार मुसलमान बहुल सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकता। नेताओं का दावा है कि इस बार दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटों पर भी उन्हें साथ मिलेगा।

भाजपा को जीत की उम्मीद क्यों

दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. राजकुमार फलवारिया ने अमर उजाला से कहा कि 2020 और 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव की जमीन में बहुत बड़ा अंतर है। 2020 तक अरविंद केजरीवाल की छवि एक ईमानदार नेता की बनी हुई थी। लेकिन जिस तरह अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के जाल में फंसे हैं, उससे उनकी छवि को बहुत बड़ा धक्का लगा है।


मुख्यमंत्री आवास में भारी भरकम खर्च करने का मामला जिस तरह सामने आया है, उससे केजरीवाल की उस छवि को गहरी चोट पहुंची है जो उन्हें एक बहुत ईमानदार नेता बनाता था। ऐसे में बदले माहौल में भाजपा ने सही रणनीति अपनाई तो उसके लिए संभावनाएं बन सकती हैं।

वक्फ बोर्ड का मुद्दा भी काम आएगा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर यह आरोप लगाया है कि उसने 2014 में सत्ता से जाने से पहले वक्फ बोर्ड को दिल्ली की कई महत्त्वपूर्ण संपत्तियां सौंप दीं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि प्रधानमंत्री ने ये बातें अनायास नहीं कही हैं। वे दिल्ली के विधानसभा चुनावों की टोन सेट कर रहे थे। उन्होंने इशारा कर दिया है कि दिल्ली चुनाव में वक्फ बोर्ड का यह मुद्दा जोर पकड़ने वाला है।


25 नवंबर से संसद का सत्र भी शुरू हो रहा है। इस संसद सत्र में वक्फ बोर्ड में बदलाव का कानून पास हो सकता है। ऐसे में यदि वक्फ बोर्ड में बड़े बदलाव हुए और मुसलमान समुदाय की ओर से इसे लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई गई तो इससे पूरा राजनीतिक माहौल गर्म हो सकता है। इसका जमीन पर कितना असर पड़ेगा और इससे किसे लाभ या नुकसान होगा, यह देखने वाली बात होगी।

नकारात्मक राजनीति नहीं आएगी काम

भाजपा नेता खेमचंद शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल इस समय अपना पूरा चुनाव प्रचार इस मुद्दे के आसपास रख रहे हैं कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो मुफ्त बिजली-पानी की योजनाएं बंद कर दी जाएंगी। लेकिन हमारे (भाजपा) के सभी बड़े नेताओं ने यह बता दिया है कि दिल्ली में चल रही सभी सुविधाएं बरकरार रहेंगी, उनमें कोई कटौती नहीं की जाएगी, बल्कि इसे आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। यही कारण है कि भाजपा दिल्ली में सफल रहेगी।

आम आदमी पार्टी ने कहा

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली की तासीर ऐसी है कि यह केवल विकास और काम को महत्त्व देती है। यही कारण है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी अरविंद केजरीवाल यहां लगातार सत्ता में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो लोगों को मिल रही मुफ्त बिजली-पानी की सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भी आम आदमी पार्टी प्रचंड जीत हासिल करेगी। 

Similar News