विदेश में अच्छी नौकरी-सैलरी का झांसा: बंधक बनाकर दी जाती हैं दर्दनाक यातनाएं
पिछले कुछ सालों के दौरान पंजाब में गरीब और जरूरतमंद लड़कियों को अच्छी नौकरी और सैलरी का झांसा देकर अवैध दलाल खाड़ी देश में भेज रहे हैं। हालात यह हैं कि खाड़ी देश जाने वाली 10 में से दो या तीन लड़कियां ही दर्दनाक प्रताड़ना झेलने के बाद किसी तरह अपने देश-घर वापस आ पा रही हैं। काम के नाम पर ओमान, सीरिया, इरान, ईराक जैसे खाड़ी देशों में फंसी लड़कियों को वहां शारीरिक व मानसिक तौर पर खूब प्रताड़ित किया जाता है। उन्हें इस कदर तक टॉर्चर किया जाता है कि उनकी आपबीती सुन आप कांप उठेंगे। सुबह चार बजे से लगातार 20-22 घंटे काम.. न खाना न पानी और काम न करने और घर जाने की बात पर बंधक बनाकर मारपीट। पिछले डेढ़-दो सालों के दौरान पंजाब के अलग-अलग जिलों में अवैध दलाल 10वीं, 12वीं पास या गरीब-जरूरतमंद लड़कियों को ज्यादातर निशाना बना रहे हैं। उन्हें मॉल, ऑफिस, दुकान या घर में काम करने के बदले हर महीने 40-50 हजार रुपए सैलरी व रहना-खाना फ्री का झांसा देते हैं। खाड़ी देश में फंसी अब तक कुल 104 लड़कियां दलालों के चंगुल से निकल गई हैं, उनमें से 97 विदेश मंत्रालय की मदद से अपने देश-घर 104 लड़कियां पहुंच गईं हैं और बाकी 7 वहां दूतावास के संरक्षण में हैं। बचकर आईं पीड़ितों के अनुसार अभी भी पंजाब के अलग-अलग जिलों की युवतियां वहां फंसी हुई हैं। पिछले दो साल के दौरान घर लौटी लड़कियों के आंकड़ों से पता चला कि पंजाब के जालंधर, कपूरथला जिलों की ज्यादा लड़कियां इस तरह के झांसे में फंस रही हैं। आखिर कैसे पंजाब की बहू-बेटियां ऐसे झांसे में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रही हैं? इसकी तह तक जाने के लिए जागरण प्राइम ने जालंधर, सुल्तानपुर लोधी और कपूरथला के पीड़ित परिवार के गांवों का दौरा किया। पता चला कि वहां अवैध दलालों का का जाल बिछा हुआ है। ये लड़कियां परिवार की आर्थिक मदद करने की बात सोच सीरिया, ओमान, ईरान, इराक, दुबई, सऊदी अरब तथा अन्य देश चली जाती हैं। लेकिन वहां पहुंचते ही उनके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का दौर शुरू हो जाता है।
केस १
पंजाब के मोगा की रहने वाली 32 साल की तपस्या (बदला हुआ नाम) भी विदेश में नौकरी-अच्छी सैलरी के झांसे में फंस गईं। तपस्या ने वहां किस तरह की यातनाएं सही, उसी की जुबानी...
मैं टूरिस्ट वीजा पर गई थी। घरेलू काम करने के लिए अच्छी सैलरी व फ्री रहने-खाने का लालच दिया था। एजेंटों ने मेरा सीरिया का वीजा लगाया था। मुझे सीरिया नहीं बताया, कहा कि जॉर्डन का एक शहर है सूरिया, वहां जाना है। मेरे परिवारवालों ने मना किया, मैंने भी कहा कि वहां नहीं जाना है। मैंने एजेंट से पासपोर्ट मांगा तो उसने मना कर दिया। कहा कि दो लाख रुपए दो तब पासपोर्ट मिलेगा।
वे मुझे सीरिया ले गए। वहां कुछ दिन ऑफिस में ही तहखाना जैसे कमरे में रखा। कुछ दिन बाद मुझे एक घर में काम के लिए भेजा गया। वहां बहुत बड़ा परिवार था। सुबह से आधी रात तक काम कराया जाता था। वहां की मैडम सुबह 5 बजे से खाना बनवाती थी। वहां और भी लड़कियां थीं। मुझे सिर्फ एक टाइम, रात को खाना दिया जाता था। तब संत बलवीर सिंह बाबाजी से मेरे परिवारवालों ने संपर्क किया। वहां से फाइल बनाकर विदेश मंत्रालय भेजा गया। तब मैं किसी तरह अपने देश पहुंची। मेरी विनती है कि कोई भी लड़की एजेंट के झांसे में आकर विदेश में नौकरी के लिए न जाए। वहां वे पासपोर्ट छीन लेते हैं। फिर पासपोर्ट देने और छोड़ने के नाम पर पैसे मांगते हैं, मारपीट करते हैं और जहां मर्जी बेच देते हैं।
केस 2
जालंधर की 24 साल की दुर्गा (बदला हुआ नाम) के भाई का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हो गया था। परिवार का आर्थिक बोझ कम करने की सोच दुर्गा एजेंट की चंगुल में फंस गई। दुर्गा की आपबीती… एजेंट ने मुझे दुबई में नौकरी और अच्छी सैलरी का झांसा दिया था। पहले वे मुझे दुबई ले गए, वहां हफ्तेभर रखा, इसके बाद ओमान के मस्कट ले गए। वहां ऑफिस में रहने वाली मैडम ने मेरे साथ मारपीट की। वहां रहने वाली सभी लड़कियों के साथ मारपीट की जाती थी। जहां मुझे काम पर भेजा गया, वे लोग भी मेरे साथ मारपीट करते थे। बेल्ट से मारने के मेरे शरीर पर कई निशान हैं। जीना दूभर हो गया था, दो दिन में एक बार खाना देते थे। सोने भी नहीं देते थे। बीमार पड़ने पर दवाई तक नहीं देते थे। मेरे बार-बार भारत भेजने की बात कहने पर उस एजेंट ने मुझे दुबई के किसी एजेंट को बेच दिया। दुबई एयरपोर्ट पर एक लड़की आई और मेरा पासपोर्ट ले ली। उसने मुझे एक टिकट दिया। मुझे जिस प्लेन में चढ़ाया गया, वह इराक जाने वाली थी। एजेंट की तरफ से मुझपर नजर रखने के लिए एक लड़की को एयरपोर्ट से पीछे लगा दिया गया था। मैं किसी तरह वहां बचकर भारत आ पाई। मैं सभी लड़कियों ने कहना चाहूंगी कि अपने देश में ही आधी थाली खाना मंजूर है, भूलकर भी वहां मत जाओ। अब भी वहां बहुत लड़कियां फंसी हुई हैं। उनमें अनेक भारत की हैं। वहां सब नरक की जिंदगी जी रही हैं।
गरीब परिवार की लड़कियों पर नजर, उन्हें झांसे में लेना आसान
हमने विदेश में फंसी लड़कियों को देश लाने में मदद करने वाले सुल्तानपुर लोधी निवासी पद्मश्री समाजसेवी-पर्यावरणविद व राज्यसभा सांसद संत बलवीर सिंह सीचेवाल से बात की। उन्होंने बताया कि दो साल से इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। पंजाब में फैले अवैध दलाल का मुख्य टारगेट गरीब और जरूरतमंद परिवार होता है। ये 18 साल से लेकर 35 साल तक की महिलाओं को झूठे ऑफर देकर फंसाते हैं। झांसे में फंसाने के लिए दलाल गांव-कस्बों की लड़कियों की मदद देते हैं, जो अपनी सहेली, परिचित या रिश्तेदार को फंसाती है। दलाल कुछ पैसे के कमीशन के लिए लड़कियों के को विदेश में बैठे एजेंटों- एजेंसियों के पास भेज देते हैं। इनसे कहा जाता है कि विदेश में एक-दो साल का काम करना होगा, 30 से 50 हजार रुपए की सैलरी मिलेगी, खाना व रहना व सारी सुविधाएं मुफ्त होंगी। लड़कियों को लगता है कि यह सही ऑफर है, कोई खर्चा नहीं होगा और अपने परिवार को भी हर महीने पैसे भेज सकेंगी