बिजली कंपनियों ने पीपीएसी चार्ज किया आधा, भाजपा ने कहा- केजरीवाल का भ्रष्टाचार सामने आया
दिल्ली में बिजली के मुद्दे पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जमकर विवाद हुआ था। आम आदमी पार्टी का दावा था कि उसने दिल्ली में बिजली का बिल फ्री कर दिया है जिससे लाखों लोगों को लाभ मिल रहा है, जबकि भाजपा ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल और बिजली कंपनियों के बीच सांठगांठ के कारण लोगों को महंगी बिजली दी जा रही है।
भाजपा ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली कंपनियों को मनमाने तरीके से पीपीएसी का दाम बढ़ाने की अनुमति दे रखी है। इससे सीधे प्रत्यक्ष तौर पर प्रति वाट बिजली का बिल नहीं बढ़ता हुआ दिखाया जाता है, लेकिन पिछले दरवाजे से पीपीएसी और फिक्स चार्ज जैसे दामों में वृद्धि कर जनता से पैसा वसूला जाता है।
भाजपा का संघर्ष रंग लाया
अब दिल्ली की बिजली कंपनियों ने पीपीएसी की दरों में लगभग 50 फीसदी की सीधी कटौती करने की घोषणा कर दी है। दिल्ली के ऊर्जा सचिव ने इस बात की घोषणा कर दी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि यह उसकी मेहनत के कारण हुआ है और अब दिल्ली की जनता को 25 से 50 फीसदी तक बिजली सस्ती मिलेगी। भाजपा नेता ने कहा कि इससे अरविंद केजरीवाल और बिजली कंपनियों के बीच चल रहे सांठगांठ का भंडाफोड़ हुआ है।
सचदेवा ने कहा कि, लेकिन भाजपा इसे अपनी सफलता तभी मानेगी जब इस मामले की जांच होगी और यह पता चल पाएगा कि केजरीवाल ने पीपीएसी बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियों से कितना माल कमाया था। उन्होंने कहा कि हमारे दबाव के बाद डीइआरसी को मामले का पारदर्शी विश्लेषण करना पड़ा जिसके चलते संवैधानिक संस्था ने बीपीवाईएल की पीपीएसी और बढ़ाने की मांग को ना सिर्फ खारिज करना पड़ा, बल्कि इसे घटाना भी पड़ा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के द्वारा पीपीएसी का मुद्दा उठाने से केजीरवाल सरकार एवं निजी बिजली कंपनियों की सांठगांठ की पोल खुली।