सीजीएचएस लाभार्थियों को प्रतिबंधित दवा देने के लिए ये हैं नए नियम, अब ऐसे मिलेंगी कैंसर रोधी दवाएं
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत ओपीडी सेवाओं के लिए पात्र सभी लाभार्थियों को प्रतिबंधित दवाएं जारी करने की प्रक्रिया के सख्त अनुपालन के आदेश जारी किए गए हैं। ये सभी दिशानिर्देश चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं। अब सभी सीजीएचएस सेंटर प्रतिबंधित दवाओं की केवल दो सूचियां बनाकर रखेंगे, अर्थात ऑनलाइन प्रतिबंधित दवाएं और 'एसटीसी' प्रतिबंधित दवाएं, जिन्हें लाभार्थियों की जानकारी के लिए सीजीएचएस वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रतिबंधित दवा की लागत 10,000 रुपये प्रति यूनिट या उससे अधिक हो। ऐसी दवा का खर्च 50,000 रुपये प्रति माह या उससे अधिक हो। सीजीएचएस लाभार्थी को आपूर्ति की तिथि (अर्थात एमएसडी/डब्ल्यूसी में दवा की प्राप्ति की तिथि) से 15 दिनों के भीतर निर्दिष्ट स्थान से दवा प्राप्त करनी होगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत सीजीएचएस द्वारा प्रतिबंधित दवा जारी करने के लिए नियम बदले गए हैं। इन दवाओं में कैंसर रोधी दवाएं (कीमोथेरेप्यूटिक, इम्यूनोथेरेप्यूटिक दवाएं) और अन्य घातक बीमारियों जैसे सीकेडी, एंजाइम की कमी, हीमोफीलिया, दुर्लभ बीमारियों आदि के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं।
/विशेष उपयोग वाली इन दवाओं की कीमत बहुत अधिक होती है। इस तरह की दवाओं में इंट्रा-ओकुलर व इंट्रा-आर्टिकुलर इंजेक्शन आदि शामिल हैं। प्रतिबंधित दवा जारी करने के लिए जो मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है, उसके तहत सीजीएचएस प्रतिबंधित दवाओं की केवल दो सूचियां बनाए रखेगा। उक्त सूची में ऑनलाइन प्रतिबंधित दवाएं और 'एसटीसी' प्रतिबंधित दवाएं रहेंगी। लाभार्थियों की जानकारी के लिए दोनों दवाओं की सूची 'सीजीएचएस' वेबसाइट पर प्रदर्शित होंगी। इसके साथ ही चिकित्सा की इम्यूनोथेरेपी एसटीसी, प्रतिबंधित दवा की सूची में बनी रहेगी।
एसटीसी प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग के लिए स्थापित सीडीएससीओ अनुमोदन/दिशानिर्देशों के अनुसार, सीजीएचएस द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यदि वह रोग जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आता है, तो अतिरिक्त निदेशक एमएसडी/सिटी का कार्यालय स्थायी तकनीकी समिति की जांच के बिना दवा जारी करने के लिए अधिकृत होगा। इस बाबत कोई दिशा-निर्देश उपलब्ध नहीं हैं, या दवा किसी ऐसे संकेत के लिए निर्धारित की गई है, जो दिशा-निर्देशों के अंतर्गत नहीं आता है, तो वह स्थायी तकनीकी समिति की सिफारिश के लिए भेजा जाएगा।
यदि किसी एसटीसी प्रतिबंधित दवा की 6 महीने में 20 से अधिक मामलों में सलाह दी गई है और अनुमोदित की गई है, तो इम्यूनोथेरेपी दवाओं को छोड़कर उसे ऑनलाइन सूची में शामिल किया जाएगा। प्रतिबंधित दवाओं के लिए जब कोई लाभार्थी आवेदन देगा तो दस्तावेजों के साथ उसे चिकित्सा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। मुख्य कार्डधारक द्वारा विधिवत तौर पर प्रतिबंधित दवा फॉर्म भरा जाएगा।
उपचार करने वाले विशेषज्ञ के पर्चे की फोटोकॉपी भी साथ संलग्न करनी होगी। यदि लाभार्थी व्यक्तिगत रूप से दवा लेने में असमर्थ है तो उसे प्राधिकरण का पत्र प्रस्तुत करना होगा। चिकित्सा अधिकारी, प्रतिबंधित दवा लिखने के लिए केवल सीजीएचएस एप्लीकेशन के ऑनलाइन मॉड्यूल का उपयोग करेंगे। एसटीसी प्रतिबंधित दवा के मामले में, केंद्रीय स्टोर/मेडिकल स्टोर पर अधिकृत सीएमओ ड्रग्स/अतिरिक्त निदेशक ऑनलाइन मॉड्यूल का उपयोग कर दवा लिखेंगे।
सीजीएचएस लाभार्थी देशभर में किसी भी वेलनेस सेंटर में प्रतिबंधित दवा के लिए अनुरोध प्रस्तुत कर सकता है। तथापि, लाभार्थी को सूचित किया जाना चाहिए कि दवा संबंधित (मांग के स्थान के आधार पर) मेडिकल स्टोर/सेंट्रल स्टोर/निर्दिष्ट वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध होगी। ऑनलाइन प्रतिबंधित सूची में उपलब्ध दवा के लिए ऑनलाइन अनुरोध को शहर के मेडिकल स्टोर/सेंट्रल स्टोर द्वारा उसी दिन संसाधित किया जाएगा। एसटीसी/ऑफलाइन प्रतिबंधित दवाओं के मामले में, 'ऑफलाइन इंडेंट वाउचर' का उपयोग बंद कर दिया जाएगा।
ऐसे मामले में आवेदन केवल निर्धारित फॉर्म पर ही प्रस्तुत किए जा सकेंगे। सभी प्रासंगिक रिपोर्ट्स को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इतना ही नहीं, संबंधित फाइल में इमेजिंग रिपोर्ट्स की प्रतियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। इसके लिए वेलनेस सेंटर के स्तर पर एक अलग रिकॉर्ड रखा जाएगा। दवा का आपूर्तिकर्ता शहर के मेडिकल स्टोर/केंद्रीय स्टोर/स्वास्थ्य केंद्रों पर शहर के अतिरिक्त निदेशक/एमएसडी द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार दवा की आपूर्ति करेगा। दवा की आपूर्ति के स्थान पर फार्मासिस्ट द्वारा सीजीएचएस एप्लीकेशन के ऑनलाइन मॉड्यूल का उपयोग करके दवा वितरित की जाएगी। लाभार्थी को आपूर्ति की तिथि (अर्थात एमएसडी/डब्ल्यूसी में दवा की प्राप्ति की तिथि) से 15 दिनों के भीतर निर्दिष्ट स्थान से दवा प्राप्त करनी होगी ।