देखते-देखते रमेश बिधूड़ी बन गए दिल्ली चुनाव का मुद्दा, उम्मीदवारी भी मजबूत, लेकिन जुबान ने....
भाजपा के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से जनाधार वाले नेता हैं, नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट पाने से रह गए थे। विधान सभा चुनाव में टिकट की घोषणा हो चुकी है, लेकिन आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो दावा कर रहे हैं कि जल्द ही बिधूड़ी दिल्ली से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। बड़ा सवाल है कि क्या बिधूड़ी खुद दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुद्दा बनते जा रहे हैं?
यह मुद्दा इतना गंभीर हो चला है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आगे आना पड़ा। अमित शाह ने आज प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए बाकायदा मंच से पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल भाजपा के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर सकते हैं? राजनीति की बारीकियां समझने वाले अमित शाह को पता है कि बिधूड़ी को केजरीवाल मुद्दा क्यों बना रहे हैं। इसमें भाजपा का नफा और नुकसान दोनों कितना है।
अपने घर में बिधूड़ी के दोस्त भी कितने?
भाजपा के गलियारे में भी बिधूड़ी के दुश्मन कम नहीं हैं। प्रियंका गांधी के गाल जैसी सड़क बनवाने के उनके बयान के बाद कई बड़े भाजपा नेताओं ने बिधूड़ी के बयान पर प्रतिक्रिया देने से किनारा कस लिया था। भाजपा के ही एक पुराने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अपने सर्किल में अब भी बिधूड़ी को कोसने से नहीं चूकते। संगठन से जुड़े एक नेता ने उसी दिन अमर उजाला से प्रतिक्रिया में कहा था कि छापिएगा नहीं। वह किसी टपोरी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देते। लेकिन अगले दिन बिधूड़ी दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना पर बोलते -बोलते लक्ष्मण रेखा के बाहर चले गए। उन्हें बाप बदलने वाला करार दे दिया।भाजपा के दिल्ली मुख्यालय, पंडित पंत मार्ग से भाजपा के एक नेता ने कहा था कि उन्हें जुबान पर नियंत्र रखना चाहिए। तभी से मीडिया के धुरंधर बिधूड़ी को साक्षी महाराज की तरह बयान देने वाला नेता मानकर उनके टिकट के कटने की चर्चा करने लगे थे।
अब केजरीवाल ने बिधूड़ी पर तंज कसकर छेड़ दिया है नया राग
आप आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंच से घोषणा की है कि जल्द ही रमेश बिधूड़ी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने यह भाजपा पर तंज कसा है। तंज करारा और राजनीतिक है। केजरीवाल को पता है कि दक्षिणी दिल्ली में गुर्जर नेता रमेश बिधूड़ी का अर्थ क्या है? रमेश बिधूड़ी गुर्जरों में अपनी पकड़ रखते हैं। तीन बार के विधायक, दो बार के सांसद हैं। हर बार अच्छी मार्जिन से जीते हैं। बिंदास अंदाज में रहते हैं। उनके पास दिल्ली कामुख्यमंत्री बनने कीमजबूत महत्वाकांक्षा है। वैसे भी कालका जी सीट से 2020 का चुनाव आतिशी मार्लेना ने 11 हजार से कम मतों के अंतर से जीता था। इस बार आतिसी के मुकाबले में कांग्रेसअलका लांबा को भी उतारा है। ऐसे में बिधूड़ी के लिए कालका जी सीट पर चुनाव लड़ना सुरक्षित माना जा रहा है। ऐसे में केजरीवाल का बिधूड़ी को मुद्दा बना देने का अर्थ सहज समझा जा सकता है।
बिधूड़ी की जुबान है कि मानती नहीं.....
लोकसभा में सबने सुना था। कैसे रमेश विदूड़ी ने तत्कालीन सांसद दानिश अली पर फड़कते अंदाज में क्या-क्या कह दिया था? बिधूड़ी की यह भाषा अंदरखाने में तब तमाम भाजपा नेताओं को रास नहीं आई थी। एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने विदूड़ी की लोकसभा की भाषा पर यह कहकर प्रतिक्रिया देने से ही मना कर दिया था कि अब ऐसे ही नेताओं का दौर चल रहा है। जब 2024 में रमेश बिधूड़ी उम्मीदवारी से वंचित हुए तो इसे उन पर कार्यवाही के रूप में देखा गया। बिधूड़ी के चेहरे पर भी तब टिकट न मिलने की परेशानी देखी गई थी। अब पार्टी ने विधान सभा चुनाव में उतारा है तो फिर रंग दिखा रहे हैं। इस बारे में आप के नेता अश्वनी बग्गा कहते हैं कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। आप देख लीजिए रुपये बांटने वाले प्रवेश वर्मा नई दिल्ली से उम्मीदवार हैं तो भाजपा ने दंगा भड़काने में माहिर आप के ही पूर्व नेता कपिल मिश्रा को भी टिकट दे दिया है। भाजपा में मर्यादा का कौन ख्याल रखता है?