मोदी सरकार ने बनाया फर्जीवाड़े का स्टार्टअप'; स्टार्टअप इंडिया की वर्षगांठ पर खरगे ने लगाए आरोप
केंद्र सरकार स्टार्टअप इंडिया पहल के नौ साल पूरे होने पर जहां जश्न मना रही है। वहीं, कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि नौ साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने केवल फर्जी का स्टार्टअप बनाया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर कसा तंज
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि बीते नौ सालों में मोदी सरकार ने केवल फर्जीवाड़ा का 'स्टार्टअप' बनाया है! तथ्य यह है कि भारतीय स्टार्टअप को मोदी सरकार से नगण्य समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप उद्योग में जो भी विकास हुआ है, उसका श्रेय स्टार्टअप्स की उद्यमशीलता की भावना और सरलता को जाना चाहिए, न कि केंद्र सरकार को।
वादे से मुकरने का लगाया आरोप
उन्होंने आगे कहा कि हकीकत यह है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्टार्टअप इंडिया सीड फंड के लिए केवल 1.58% मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को मंजूरी दी गई है। वहीं, 97 प्रतिशत से अधिक को कोई कर लाभ नहीं मिला है। बीजेपी ने 20,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप सीड फंड का वादा किया था लेकिन मोदी सरकार ने केवल 454.04 करोड़ रुपये की फंडिंग को मंजूरी दी है।
उन्होंने दावा किया कि अकेले 2024 में 5,000 से अधिक स्टार्टअप बंद होने की कगार पर हैं। मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2020 से कम से कम 1,56,000 स्टार्टअप नौकरियां खत्म हो गई हैं।
DPIIT के हैं ये आंकड़े
वहीं, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने अपने आंकड़ों में बताया है कि देश के स्टार्टअप में नौ साल में फंडिंग 14 गुना से ज्यादा बढ़कर 115 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। 2016 में यह सिर्फ 8 अरब डॉलर थी। इस अवधि में स्टार्टअप इंडिया पहल के लॉन्च के बाद से 2024 के अंत तक पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 400 से बढ़कर 1.57 लाख से अधिक हो गई है।
समर्पित स्टार्टअप नीतियों वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्टार्टअप की संख्या 2016 के चार से बढ़कर 31 हो गई है। यूनिकॉर्न की भी संख्या कई गुना बढ़ी है। 2016 में 8 यूनिकॉर्न थे, जो अब 118 हो गए हैं। कम से कम एक अरब डॉलर मूल्य वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहते हैं। सरकार ने नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप तंत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी।
2016 से अब तक 17 लाख से अधिक को मिलीं नौकरियां
डीपीआईआईटी के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले नौ साल में 17 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत एक अप्रैल, 2016 या उसके बाद बने स्टार्टअप आयकर छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन मान्यताप्राप्त स्टार्टअप को अंतर-मंत्रालयी बोर्ड प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है, उन्हें स्थापना के बाद से 10 वर्षों में से लगातार तीन वर्षों की अवधि के लिए आयकर से छूट दी जाती है।
गौरतलब है कि भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के रूप में लॉन्च किए गए स्टार्टअप इंडिया का उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन देना और देश भर में स्टार्टअप की प्रगति को उत्प्रेरित करना है।